हाइलाइट्स:कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर कई देशों में अलग-अलग अफवाहब्रिटेन-अमेरिका में कोविड वैक्सीन से प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर का दावा खारिजस्टडी में वैज्ञानिकों ने वैक्सीन का कोई नकारात्मक असर नहीं पायावॉशिंगटनकोरोना वायरस वैक्सीन से प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचने की अफवाहों पर एक नई स्टडी ने विराम लगा दिया है। दरअसल, अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों में दावा किया गया था कि फाइजर और मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन से बच्चे पैदा करने की ताकत कम हो रही है। जिसके बाद हाल में ही किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि लोगों को टीके की दो खुराक लगने के बाद भी उनके शुक्राणुओं के स्तर पर प्रभाव नहीं पड़ा।45 लोगों पर की गई स्टडी‘जामा’ जर्नल में बृहस्पतिवार को प्रकाशित अध्ययन में 18 से 50 वर्ष के 45 स्वस्थ लोगों को शामिल किया गया जिन्हें फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना के एमएआरएनए कोविड-19 टीके लगने थे। इस अध्ययन में प्रतिभागियों की पूर्व में ही जांच कर यह भी पता लगाया कि उन्हें पहले से कोई प्रजनन संबंधी समस्या नहीं हो। वीर्य के नमूनों में नहीं दिखा अंतरइसमें 90 दिन पहले तक कोविड-19 से ग्रस्त हुए या उसके लक्षण वाले लोगों को शामिल नहीं किया गया। इसमें पुरुषों को टीके की पहली खुराक लगाये जाने से पहले उनके वीर्य के नमूने लिये गये और दूसरी खुराक के करीब 70 दिन बाद नमूने लिये गये।वैक्सीन लगवाने से हिचक रहे लोगविश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रशिक्षित विशेषज्ञों ने विभिन्न मानकों पर शुक्राणुओं की जांच की। अध्ययन के लेखकों में शामिल अमेरिका की मियामी यूनिवर्सिटी के एक अध्ययनकर्ता ने कहा कि टीका लगवाने में लोगों की हिचक का एक कारण प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर होने की धारणा भी है।