हाइलाइट्सवैज्ञानिकों ने धरती पर सौर तूफान की चेतावनी जारी कीसूरज की सतह पर दिखाई दी बड़ी हलचल, जल्द हो सकते हैं दो विस्फोटसोलर फ्लेयर्स के तेजी से धरती की तरफ बढ़ने का अंदेशावॉशिंगटनसूरज के सतह पर बढ़ी हलचलों को देखकर वैज्ञानिकों ने धरती पर सौर तूफान की चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों ने दावा किया है कि सूर्य से कम से कम दो सोलर फ्लेयर्स जल्द ही धरती की तरफ बढ़ने वाले हैं। सूरज के कोरोना से निकलने को तैयार ये कण तेजी से धरती की तरफ बढ़ेंगे। अंतरिक्ष मौसम भौतिक विज्ञानी डॉ तमिथा स्कोव ने कहा कि पृथ्वी से कई सनस्पॉट क्लस्टर देखे जा सकते हैं। हालांकि, अभी तक इनमें विस्फोट नहीं हुआ है।सोलर एक्टिविटी के चार मुख्य घटकों में सोलर फ्लेयर्स, कोरोनल मास इजेक्शन, हाई-स्पीड सोलर विंड और सोलर एनर्जी पार्टिकल्स शामिल हैं। इन्हीं के कारण पृथ्वी पर सोलर तूफान आते रहते हैं। नासा के अनुसार, सोलर फ्लेयर्स धरती पर तभी प्रभाव डालती हैं, जब वे सूरज के उस तरफ होती हैं, जिधर हमारी पृथ्वी होती है। इसी तरह, कोरोनल मास इजेक्शन में भी सूर्य से निकले प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के विशाल बादल पृथ्वी पर तभी प्रभाव डालेंगे जब उनकी दिशा हमारी धरती की तरफ हो।NASA ने सूरज की सतह पर देखा बड़ा छेद, विशेषज्ञों ने पृथ्वी से सौर तूफान के टकराने की चेतावनी दीसोलर मेक्सिमम में तेजी से बदलेंगे अंतरिक्ष के हालातनेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (एसडब्ल्यूपीसी) के एक प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर बिल मुर्तघ ने बताया कि पिछले कई वर्षों में हमने सूरज में काफी कम हलचल देखी है। ऐसा अधिकतर सोलर मिनिमम के दौरान ही होता है। लेकिन, अब हम सोलर मैक्सिमम की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। यह साल 2025 में सबसे अधिक तेज होगा।सूरज में वैज्ञानिकों ने क्या देखा कि अभी से 2025 की देने लगे चेतावनी? बोले- यह तबाही का अलार्म!सोलर फ्लेयर्स का वर्गीकरणसोलर फ्लेयर की सबसे शक्तिशाली श्रेणी को एक्स क्लास के नाम से जाना जाता है। इसके बाद ताकत के घटते क्रम में इन्हें एम, सी, बी और ए क्लास के नाम से जाना जाता हैं। इसके एक्स क्लास में एक्स-1, एक्स-2 और एक्स-3 नाम से तीन सेक्शन बंटे हुए हैं। जिनमें सबसे ताकतवर को एक्स-1 क्लास का माना जाता है। Solar Storm: अंतरिक्ष से आ रहा सौर तूफान, अगले 24 घंटे में धरती से टकराने की संभावना, इंटरनेट हो सकता है बंदसौर तूफान का पृथ्वी पर असर क्या होता है?सौर तूफान के कारण धरती का बाहरी वायुमंडल गरमा सकता है जिसका सीधा असर सैटलाइट्स पर हो सकता है। इससे जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट टीवी में रुकावट पैदा हो सकती है। पावर लाइन्स में करंट तेज हो सकता है जिससे ट्रांसफॉर्मर भी उड़ सकते हैं। हालांकि, आमतौर पर ऐसा कम ही होता है क्योंकि धरती का चुंबकीय क्षेत्र इसके खिलाफ सुरक्षा कवच का काम करता है।