South Africa supports the expansion of BRICS like China while India opposing it भारत की रणनीति के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका, ब्रिक्‍स के विस्‍तार पर किया चीन का समर्थन

जोहान्सबर्ग: दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने ब्रिक्‍स के विस्‍तार को लेकर चीन का समर्थन किया है। रविवार शाम राष्‍ट्र के नाम संबोधन के दौरान उन्‍होंने कहा कि उनका देश ‘ब्रिक्स’ समूह के सदस्यों की संख्या बढ़ाने का समर्थन करता है। ब्रिक्स का सदस्य बनने के लिए 22 देशों के आवेदन का मुद्दा समूह के पांच सदस्य देशों के नेताओं के एजेंडे में है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के 15वें संस्करण के लिए नेता 23 अगस्‍त को जोहानिसबर्ग में मिलने वाले हैं। भारत की तरफ से संगठन के विस्‍तार का विरोध किया जा रहा है। ऐसे में दक्षिण अफ्रीका की तरफ से इसके पक्ष में बात करना चीन के लिए अच्‍छी खबर हो सकती है।कौन-कौन से नए देशरामफोसा ने कहा, ‘दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स की सदस्यता के विस्तार का समर्थन करता है। ब्रिक्स का मूल्य इसके वर्तमान सदस्यों के हितों से परे है। अपने प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए ब्रिक्स को अन्य देशों के साथ साझेदारी करने की जरूरत है, जो उसकी आकांक्षाओं और दृष्टिकोण को साझा करते हैं।’ ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। रामफोसा ने शिखर सम्मेलन में अफ्रीका, कैरेबियाई क्षेत्र, दक्षिण अमेरिका, मध्य पूर्व, पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के कई अन्य नेताओं की भागीदारी का स्वागत किया। उन्‍होंने कहा, ‘एक विस्तारित ब्रिक्स अलग-अलग राजनीतिक प्रणालियों वाले देशों के एक विविध समूह का प्रतिनिधित्व करेगा, जो अधिक संतुलित वैश्विक व्यवस्था की समान इच्छा साझा करते हैं।’राष्‍ट्रपति ने बताया महत्‍वपूर्णरामफोसा का कहना था कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह तब आयोजित किया जा रहा है, जब दुनिया ऐसी मूलभूत चुनौतियों का सामना कर रही है, जो आने वाले वर्षों में अंतरराष्‍ट्रीय घटनाक्रमों की दिशा निर्धारित करेंगे। रामफोसा ने पुष्टि की कि दक्षिण अफ्रीका एक खुली और नियम-आधारित वैश्विक शासन, व्यापार, वित्तीय एवं निवेश प्रणाली की वकालत करना जारी रखेगा। दक्षिण अफ्रीकी राष्‍ट्रपति ने कहा,’यह एक ऐसी प्रणाली होनी चाहिए, जो शक्ति के इस्तेमाल या एकतरफा सोच पर निर्भर न हो, बल्कि दुनिया के लोगों के हितों को बढ़ावा देने पर केंद्रित हो।भारत ने दिया बड़ा बयानदूसरी ओर भारत ने दक्षिण अफ्रीका को एक अहम साझीदार करार दिया है। भारत के ब्रिक्स शेरपा दम्मू रवि ने जोहान्सबर्ग में शिखर सम्मेलन से पहले कहा कि भारत में अफ्रीका के अंदर आर्थिक गतिविधियों में योगदान देने की क्षमता है। इस वजह से ही वह भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार बन गया है। ब्रिक्स दुनिया की अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्थाओं, ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह का संक्षिप्त रूप है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में 22-24 अगस्त तक होगा।