बीजिंग: अमेरिकी सैन्य स्थलों की चीनी ‘गुब्बारे’ से निगरानी किये जाने के संदेहास्पद घटनाक्रम से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में खटास आई है, हालांकि चीन ने इस घटनाक्रम के कारण अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन की बीजिंग यात्रा रद्द किये जाने को कोई तरजीह नहीं दी है। चीन का कहना है कि किसी भी पक्ष ने इस तरह (यात्रा) की किसी भी योजना की औपचारिक घोषणा नहीं की थी। चीन के विदेश मंत्रालय ने शनिवार सुबह एक बयान में कहा, ‘वास्तव में, अमेरिका और चीन ने कभी भी किसी दौरे की घोषणा नहीं की है। ऐसी कोई भी घोषणा अमेरिका का मामला है और हम इसका सम्मान करते हैं।’ब्लिंकन जाने वाले थे अमेरिकाब्लिंकन अमेरिका-चीन तनाव को कम करने के उद्देश्य से वार्ता के लिए रविवार को बीजिंग का दौरा करने वाले थे। दोनों देशों के नेताओं के पिछले नवंबर में इंडोनेशिया में मुलाकात के बाद इस तरह की पहली हाई-प्रोफाइल यात्रा थी, लेकिन चीनी गुब्बारे का पता चलने के बाद अमेरिका ने ब्लिंकन की यात्रा अचानक रद्द कर दी। यद्यपि चीन का दावा है यह केवल मौसम अनुसंधान संबंधी गुब्बारा है। पेंटागन ने गुब्बारे के मौसम अनुसंधान से संबंधित होने, इसका इस्तेमाल अमेरिकी सैन्य स्थलों की निगरानी के लिए न किये जाने और इसमें सीमित नौवहन क्षमता होने को लेकर चीन का दावा खारिज कर दिया है। चीनी इंटरनेट पर बिना सेंसर वाली प्रतिक्रियाओं में यह कहा गया है कि अमेरिका स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है।’China Spy Balloon: क्या जासूसी गुब्बारे से अमेरिका की बैलेस्टिक मिसाइलों की जानकारी जुटा रहा है चीन? खतरनाक हैं ड्रैगन के इरादेअमेरिका बहुत ज्यादा बोल रहा ताइहे इंस्टीट्यूट के चीनी सैन्य विशेषज्ञ चेन हाओयांग ने प्रमुख राष्ट्रीय टीवी चैनल में से एक फीनिक्स टीवी पर कहा, “अमेरिका इसे अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चीन की ओर से खतरा बताकर बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। वास्तव में हमने ऐसा नहीं किया है। और आमतौर पर हम पर लक्षित अमेरिकी सैन्य खतरे की तुलना करें, तो क्या आप कह सकते हैं कि यह बहुत कम है? उनके निगरानी विमान, उनकी पनडुब्बियां, उनके नौसैनिक जहाज सभी हमारी सीमाओं के पास आ रहे हैं।’ रक्षा अधिकारियों ने कहा कि गुब्बारा पहले मोंटाना के ऊपर देखा गया था, जो माल्मस्ट्रॉम वायुसेना बेस में अमेरिका के तीन परमाणु मिसाइल साइलो क्षेत्रों में से एक है।चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराना चाहते थे बाइडेन, जानें वो मजबूरी जिसने महाशक्ति अमेरिका को झुका दियाचीन को बदनाम न करेंराष्ट्रपति जो बाइडन ने रक्षा अधिकारियों की सलाह के बाद गुब्बारे को नीचे गिराने से मना कर दिया था, क्योंकि वे चिंतित थे कि मलबे से नीचे लोग घायल हो सकते हैं। इस बीच, दूरबीन और टेलीफोटो लेंस से लैस लोगों ने आकाश में ‘जासूसी गुब्बारा’ खोजने की कोशिश की, क्योंकि यह 60,000 फुट (18,300 मीटर) पर कंसास और मिसौरी के ऊपर दक्षिण-पूर्व की ओर बढ़ रहा था। चीन के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को फिर जोर देकर कहा कि गुब्बारे की यात्रा उसके नियंत्रण से बाहर थी और अमेरिका से आग्रह किया कि गुब्बारों के आधार पर चीन को ‘बदनाम’ न किया जाए। कानूनों का पालन करता चीनवांग ने कहा, ‘‘चीन ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय कानून का सख्ती से पालन किया है, हम किसी भी निराधार अटकलों और प्रचार को स्वीकार नहीं करते हैं। अप्रत्याशित परिस्थितियों का सामना करते हुए, दोनों पक्षों को शांत रहने, समयबद्ध तरीके से संवाद करने, गलत निर्णयों से बचने और मतभेदों को दूर करने की आवश्यकता है।’नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में एसोसिएट प्रोफेसर अल्फ्रेड वू ने कहा कि चीन की माफी ईमानदार नहीं लगती है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बीच, निकट भविष्य में रिश्ते में सुधार नहीं होगा …क्योंकि खाई बहुत बड़ी है।’’