ताइपेकोरोना से कहर से जूझ रही दुनिया को बचाने के लिए सभी देश एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। हालांकि, वैश्विक सहयोग की यह भावना चीन को रास नहीं आ रही है। अमेरिका ने रविवार को मानवीय सहायता के तहत ताइवान को मॉडर्ना के कोविड-19 रोधी टीके की 25 लाख खुराक भेजी। इसी पर चीन आग बबूला है। दरअसल, चीन नहीं चाहता कि ताइवान और अमेरिका के बीच किसी भी तरह का संबंध हो। जबकि, अमेरिका हर हालात में अपने दोस्त ताइवान की मदद के लिए तैयार है।ताइवान को वैक्सीन देने से चीन क्यों चिढ़ाताइवान को भेजे गए मॉडर्ना के इस वैक्सीन की खेप के मानवीय सहायता के साथ-साथ भूराजनीतिक मायने भी हैं। चीन इन दिनों ताइवान पर दबाव बढ़ा रहा है। इस बीच अमेरिका से भेजी गई यह मदद हर हाल में दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग की भावना को दर्शाता है। चीन की आजादी के बाद से कभी भी कम्युनिस्ट पार्टी का ताइवान पर शासन नहीं रहा है। इसके बावजूद चीन हमेशा से ताइवान को अपना अभिन्न अंग मानता आया है। चाइना एयरलाइन्स के विमान से ताइवान पहुंची वैक्सीनमॉडर्ना की वैक्सीन की खेप ताइवान में चाइना एयरलाइन्स के मालवाहक विमान से पहुंची है। एक दिन पहले इस खेप को अमेरिका के मेम्फिस से रवाना किया गया था। राजधानी ताइपे के बाहर स्थित हवाई अड्डे पर इस खेप का स्वागत करने के लिए ताइवान में अमेरिका के शीर्ष अधिकारी ब्रेंट क्रिस्टनसेन और ताइवान के स्वास्थ्य मंत्री चेन शी-चुंग मौजूद थे।अमेरिका को ताइवान का विश्वासपात्र मित्र बतायाताइवान में अमेरिकी इंस्टीट्यूट ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि यह खेप ताइवान के प्रति एक विश्वासपात्र मित्र और लोकतंत्र के अंतरराष्ट्रीय परिवार के एक सदस्य के रूप में अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह संस्था एक तरह से ताइवान में अमेरिका का दूतावास है। ताइवान महामारी के प्रकोप से एक तरह से बचा हुआ ही था लेकिन मई से यहां संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई और अब यहां बाहर से टीकों की खुराक मंगाई जा रही है। मॉडर्ना से 55 लाख वैक्सीन की डोज की हुई है डीलताइवान ने सीधे मॉडर्ना से 55 लाख टीकों की खरीद के आदेश दिए थे लेकिन अब तक इसे सिर्फ़ 390,000 टीके ही मिले हैं। अमेरिका ने इस महीने की शुरुआत में ताइवान को 750,000 टीके की खुराक देने का वादा किया था। आने वाले दिनों में अमेरिका से वैक्सीन की और ज्यादा मात्रा ताइवान को भेजी जा सकती है।