हाइलाइट्सअफगानिस्तान में 20 साल बाद सत्ता में आए तालिबानी आतंकियों की क्रूरता का दौर जारी हैतालिबान ने गजनी के गेट को क्रेन की मदद से तोड़ दिया है जिसे पिछली सरकार ने बनाया था यह प्रवेश द्वार इस्लामिक परंपरा और संस्कृति का प्रतीक था और सांस्कृतिक विरासत माना जाता थागजनीअफगानिस्तान में 20 साल बाद सत्ता में आए तालिबानी आतंकियों की क्रूरता का दौर जारी है। तालिबान ने गजनी प्रांत के प्रवेश द्वार को क्रेन की मदद से तोड़ दिया है। यह प्रवेश द्वार इस्लामिक परंपरा और संस्कृति का प्रतीक था। इसे क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत माना जाता था। करीब 20 साल बाद देश में सत्ता में आए तालिबानी आतंकियों को यह गजनी प्रांत का गेट पसंद नहीं आया और उसे तोड़ दिया। गजनी प्रांत के गेट को तोड़ने का वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। इस गेट को पिछली अशरफ गनी सरकार ने बनाया था। इससे पहले काबुल पर कब्जे के कुछ दिन बाद ही तालिबान ने बामियान में हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की मूर्ति को तोड़ दिया था। आतंकी समूह ने 1995 में मजारी की हत्या कर दी थी। बामियान वही जगह है जहां तालिबान ने 2001 में अपने तत्कालीन नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के आदेश पर बुद्ध की मूर्तियों को उड़ा दिया था।1996 में की थी बर्बर हत्याअब्दुल अली मजारी हजारा समुदाय के नेता थे। वह तालिबान के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख रूप से शामिल थे। तालिबान ने उनका अपहरण कर हत्या कर दी थी और 1995 में उनके शव को गजनी में एक हेलीकॉप्टर से नीचे फेंक दिया था। तालिबान हजारा समुदाय के खिलाफ रहता है क्योंकि इसमें ज्यादातर शिया मुसलमान हैं जबकि तालिबान सुन्नी मुस्लिमों का समूह है। यह संगठन अफगानिस्तान में शिया अल्पसंख्यकों पर अक्सर हमला करता रहता है।ब्रिटिश मौलवी के जहरीले बोल, अफगानिस्तान में गैर मुस्लिमों से जजिया कर वसूले तालिबानमहिलाओं से सरकार में शामिल होने की अपीलकरीब 20 साल बाद अफगानिस्तान में तालिबान आतंकी शासन में वापस आए हैं। तालिबान ने वादा किया है कि वह मानवाधिकारों का ध्यान रखेगा और महिलाओं को अधिकार देगा लेकिन हकीकत में ऐसा होता दिख नहीं रहा है। तालिबान की वापसी से खासतौर पर महिलाएं डरी हुई हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान में सरकारी कर्मचारियों के लिए ‘माफी’ की घोषणा की और महिलाओं से अपनी सरकार में शामिल होने का आग्रह किया है।गजनी प्रांत के गेट को तालिबान आतंकियों ने तोड़ा