काबुलअफगानिस्तान में तालिबान का शासन लाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाने वाले पाकिस्तान को ही ‘नई सरकार’ ने दो टूक जवाब दे दिया है। हाल ही में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने पड़ोसी देश में समावेशी सरकार बनाने की नसीहत दी थी लेकिन यह तालिबान के गले नहीं उतरी। उसने कहा है कि पाकिस्तान या किसी और देश को यह मांग करने का कोई अधिकार नहीं है कि अफगानिस्तान में कैसी सरकार बने। इमरान ने शुरू की थी बाततालिबानी प्रवक्ता और उपसूचना मंत्री जबीउल्लाह मुजाहिद ने डेली टाइम्स से कहा है कि पाकिस्तान या किसी और देश को यह मांग करने का अधिकार नहीं है कि अफगानिस्तान में ‘समावेशी सरकार’ बने। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने काबुल में एक समावेशी सरकार के लिए तालिबान के साथ ‘बातचीत शुरू’ की है, जिसमें ताजिक, हजारा और उज्बेक समुदाय के लोग शामिल होंगे। Taliban Pakistan : अफगानिस्तान में तालिबान फतह पाकिस्तान के लिए ‘1971 मॉमेंट’ नहीं, समझिए कैसे ISI का अच्छा टाइम खत्म होने वाला हैकिसी को अधिकार नहींवहीं, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों ने कहा था कि युद्धग्रस्त देश में एक समावेशी सरकार होना महत्वपूर्ण है, जिसमें सभी जातीय, धार्मिक और राजनीतिक समूहों के प्रतिनिधि हों। वहीं, तालिबानी नेता मोहम्मद मोबीन ने भी कहा था कि अफगानिस्तान को किसी ने यह अधिकार नहीं दिया है कि समावेशी सरकार की मांग करे। मोबीन ने सवाल किया था कि क्या समावेशी सरकार का मतलब यह होगा कि पड़ोसी अपने प्रतिनिधि और जासूस भेज सकें?’तालिबान को निभाने होंगे दुनिया से किए वादे’, सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल की दो टूकSCO में भी हुई चर्चाशंघाई सहयोग संगठन के नेताओं ने संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन के समापन के बाद जारी की गई एक संयुक्त घोषणा में शुक्रवार को कहा था कि अफगानिस्तान को आतंकवाद, युद्ध और मादक पदार्थों से मुक्त स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण देश बनना चाहिए और युद्धग्रस्त देश में एक ‘समावेशी’ सरकार का होना महत्वपूर्ण है, जिसमें सभी जातीय, धार्मिक और राजनीतिक समूहों के प्रतिनिधि शामिल हों।रूस ने दी चेतावनी, अफगान सीमा पर हैं 10 हजार ISIS आतंकीतालिबानी प्रवक्ता की दो टूक