मॉस्कोयूक्रेन की सीमा पर बेलारूस के साथ युद्धाभ्यास कर रही रूसी सेना ने अपने कई अत्याधुनिक हथियारों की ताकत का प्रदर्शन किया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि “Zapad-2021” नाम के इस युद्धाभ्यास में 200000 सैन्यकर्मी, 80 से अधिक एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर, 15 युद्धपोत और करीब 300 टैंक शामिल हुए हैं। इस पूरे अभ्यास के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने दुश्मन देशों के बीच डर फैलाने के लिए कई महाशक्तिशाली हथियारों को बड़े ही गर्व के साथ प्रदर्शित किया है। रूस ने टर्मिनेटर टैंक की ताकत दिखाईरूस ने इस युद्धाभ्यास के दौरान अपने घातक टर्मिनेटर टैंक को भी प्रदर्शित किया है। टर्मिनेटर टैंक को यूरन -9 (Uran-9) के नाम से जाना जाता है। रूसी मीडिया के अनुसार, यूरन -9 खुद के कैमरों और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से टारगेट को ट्रैक कर सकता है, लेकिन उसपर फायर करने का आदेश टैंक से तीन किलोमीटर की दूरी पर बैठा गनर देता है। यह टैंक पूरी तरह से रिमोट कंट्रोल्ड होती है। इसमें एक 30 मिमी की ऑटोमेटिक बंदूक, अताका एंटी-टैंक मिसाइल और श्मेल फ्लेमेथ्रो जैसे हथियार तैनात रहते हैं। Russia War Drills: गरजते लड़ाकू विमान, आग उगलते युद्धपोत और गोले दागते टैंक… जंग की तैयारी में क्यों जुटा है रूस?रूस ने S-500 डिफेंस सिस्टम भी किया तैनातरूस ने इस युद्धाभ्यास में दुनिया की सबसे शक्तिशाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-500 को भी तैनात किया था। रिपोर्ट के अनुसार, एस-500 मिसाइल सिस्टम की रेंज 600 किलोमीटर है। इस दूरी के अंदर यह मिसाइल सिस्टम दुश्मन के किसी भी लक्ष्य को पहचानकर नष्ट कर सकता है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने जुलाई में S-500 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली का पहला वीडियो फुटेज जारी किया था। रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि यह वीडियो दक्षिणी रूस में अस्त्रखान के पास कपुस्टिन यार में शूट किया गया है। इस दौरान एस-500 वायु रक्षा प्रणाली की मिसाइल ने अपने लक्ष्य एक दूसरी बैलिस्टिक मिसाइल को पलक झपकते मार गिराया था।रूस से S-500 मिसाइल सिस्टम खरीदेगा चीन? ललचा तो रहा पर यह अंतरराष्ट्रीय कानून डालेगा अड़ंगारूस के इरादे से डरे यूरोपीय देश और अमेरिकारूस और बेलारूस के इस मिलिट्री एक्सरसाइज के नाटो देशों के कान खड़े हो गए हैं। नाटो देशों को यह डर है कि रूस अपने दोस्त बेलारूस की सहायता से पड़ोसी यूरोपीय देशों की मुश्किले बढ़ा सकता है। ये यूरोपीय देश अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो के सदस्य हैं। अमेरिका भी इन देशों के साथ काला सागर में कई युद्धाभ्यास कर चुका है। बेलारूस के साथ भी कई यूरोपीय देशों का विवाद है। इतना ही नहीं, बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको पर मानवाधिकार के हनन का भी आरोप लग चुका है। यूरोपीय संघ ने बेलारूस पर कई तरह की पाबंदियां भी लगाई हुई हैं। इसके बावजूद एलेकजेंडर लुकाशेंको अपने तानाशाही रवैये को जारी रखे हुए हैं।Russia Tank Robots: यूक्रेन से तनाव के बीच रूसी सेना के रोबोट टैंक ऐक्शन में, ताकत जान दहशत में दुनियाबेलारूस के पड़ोसी देशों में दहशतइस युद्धाभ्यास को लेकर सबसे ज्यादा डर बेलारूस के पड़ोसी देशों को है। रूसी रूसी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (ईडब्ल्यू) से घबराए ये देश अपनी-अपनी सुरक्षा को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। वहीं, बेलारूस से लुकाशेंको के अत्याचारों से परेशान जनता तेजी से पड़ोसी देशों में प्रवेश कर रही है। इस कारण प्रवासियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लिथुआनिया, पोलैंड और लातविया ने सीमावर्ती क्षेत्रों में आपातकाल तक का ऐलान किया हुआ है।Nuclear Submarine: परमाणु पनडुब्बी और डीजल पनडुब्बी में फर्क क्या है? समझें ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ डील क्यों तोड़ीरूस-बेलारूस के बीच सुरक्षा समझौतारूस और बेलारूस औपचारिक रूप से एक “संघ राज्य” का हिस्सा हैं। इसके अंतर्गत बेलारूस के सुरक्षा की जिम्मेदारी रूस के ऊपर है। दोनों देश अपने आपसी संबंधों को और मजबूत करने के लिए काफी समय से Zapad-2021 की शुरुआत की पूर्व संध्या पर लुकाशेंकों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात की थी।यूरन-9 टर्मिनेटर टैंक और पुतिन