हाइलाइट्सटाइगर ऑफ मैसूर कहे जाने वाले टीपू सुल्‍तान के नाम से ब्रिटिश हुकूमत कांपती थीमैसूर के शासक टीपू सुल्‍तान जब तक जिंदा रहे वह अंग्रेजों के सबसे बड़े दुश्‍मन बने रहेब्रिटेन टीपू के सिंहासन का हिस्सा रहे बाघ के सिर को खरीदने के लिए खरीददार ढूंढ रहा हैलंदनटाइगर ऑफ मैसूर कहे जाने वाले टीपू सुल्‍तान के नाम से ब्रिटिश हुकूमत कांपती थी। मैसूर के शासक टीपू सुल्‍तान जब तक जिंदा रहे वह अंग्रेजों के सबसे बड़े दुश्‍मन बने रहे। उनकी मौत के बाद अंग्रेजों ने मैसूर पर कब्‍जा कर लिया और उनके खजाने को लूट लिया। अब ब्रिटेन 18वीं सदी में टीपू सुल्तान के सोने से बने सिंहासन का हिस्सा रहे सोने से जड़े बाघ के सिर को खरीदने के लिए देश का कोई खरीददार ढूंढ रहा है। इसीलिए शुक्रवार को इसे अस्थायी रूप से प्रतिबंधित निर्यात की सूची में डाल दिया गया। यह सोने से बने बाघ का सिर है और इसमें हीरा, रूबी और पन्‍ना जैसे दुर्लभ रत्‍न लगे हैं। इसकी कीमत करीब 15 करोड़ रुपये आंकी गई है। अगर खरीदने वाला किसी दूसरे देश का होता है तो यह सोने का बाघ ब्रिटेन से बाहर जा सकता है। बताया जाता है कि ऐसे 5 बाघ मौजूद हैं और इस पर सोने से कुछ लिखा है जिसके रहस्‍य का खुलासा अभी तक नहीं हो सका है। मूल रूप से सोने के 8 बाघ बनाए गए थे। मात्र 1 मिनट ट्रेन लेट होने पर सैलरी से कटे 36 रुपये, ड्राइवर ने मांगा 14 लाख का हर्जानासिंहासन पर लगे सोने से जड़े बाघ के आठ सिरों में से एकटाइगर टीपू सुल्‍तान के निजी प्रतीक माने जाते थे। एक समय उन्‍होंने ऐलान किया था, ‘टाइगर के रूप में एक दिन जीना, भेड़ के रूप में 1000 साल जीने से बेहतर है।’ इस आभूषण को ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंधित निर्यात की सूची में रखने से ब्रिटेन की किसी गैलरी या संस्थान को यह ऐतिहासिक वस्तु खरीदने के लिए वक्त मिल जाएगा। यह टीपू सुल्तान के सिंहासन पर लगे सोने से जड़े बाघ के आठ सिरों में से एक हैं। ब्रिटेन के कला मंत्री लॉर्ड स्टीफन पार्किंन्सन ने कहा, ‘यह चमकदार मुकुट टीपू सुल्तान के शासन की कहानी दिखाता है और हमें अपने शाही इतिहास में ले जाता है। मुझे उम्मीद है कि ब्रिटेन का कोई खरीदार आगे आएगा ताकि हम भारत के साथ अपने साझा इतिहास में इस महत्वपूर्ण अवधि के बारे में और अधिक जान सकें।’