हाइलाइट्सटीटीपी ने पाकिस्तान सरकार के साथ किया गया संघर्ष विराम समझौता तोड़ातालिबान की मध्यस्थता में 30 नवंबर तक हमला न करने पर सहमत हुए थे दोनों पत्रटीटीपी ने इमरान सरकार के ऊपर समझौते का सम्मान न करने का आरोप लगायाइस्लामाबादपाकिस्तान में कोहराम मचाने वाले खूंखार आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने संघर्षविराम समझौते को तोड़ दिया है। एक महीने पहले पाकिस्तान सरकार और टीटीपी के बीच संघर्षविराम को लेकर सहमति बनी थी। टीटीपी ने इमरान खान सरकार पर संघर्षविराम को लेकर किए गए समझौतों का सम्मान न करने का आरोप भी लगाया है। इसके बाद पाकिस्तान में एक बार फिर से आतंकी हमलों के बढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा है। टीटीपी ने सरकार पर लगाया मांग पूरी न करने का आरोपटीटीपी ने देर शाम बयान जारी कर छह सूत्रीय समझौते को पूरा करने में पाकिस्तान सरकार के फेल होने का आरोप लगाया। इस समझौते को 25 अक्टूबर 2021 को इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (तालिबान सरकार) के जरिए पाकिस्तान सरकार के पास भेजा गया था। समझौते के अनुसार, दोनों पक्षों ने स्वीकार किया था कि तालिबान एक मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा और दोनों पक्ष पांच सदस्यीय समितियां बनाएंगे, जो मध्यस्थ की देखरेख में दोनों पक्षों की मांग पर चर्चा करेंगे।तालिबान की राह पर चला TTP, पाकिस्तान से किसी तीसरे देश में राजनीतिक कार्यालय की मांग की30 नवंबर तक सीजफायर को सहमत हुए थे दोनों पक्षदोनों पक्ष 1 नवंबर से 30 नवंबर, 2021 तक एक महीने के संघर्ष विराम का पालन करने के लिए भी सहमत हुए थे। इसके बदले पाकिस्तान सरकार 102 आतंकवादियों के रिहाई पर भी सहमत हुई थी। अब टीटीपी ने कहा कि सरकार न केवल दोनों पक्षों के बीच हुए फैसलों को लागू करने में विफल रही, बल्कि इसके विपरीत पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने डेरा इस्माइल खान, लक्की मारवात, स्वात, बाजौर, स्वाबी और उत्तरी वजीरिस्तान में छापेमारी की और आतंकवादियों को मार गिराया और हिरासत में लिया।हक्कानी ने पाकिस्तान और टीटीपी के बीच शुरू कराई बातचीत, तालिबान पूरा करेगा वादा या देगा झांसा ?टीटीपी बोला- संघर्ष विराम को आगे बढ़ाना संभव नहींटीटीपी ने कहा कि इन परिस्थितियों में संघर्ष विराम को आगे बढ़ाना संभव नहीं है। इससे पहले एक ऑडियो में, मुफ्ती नूर वली महसूद ने युद्धविराम की समाप्ति की घोषणा की और अपने लड़ाकों को 12 बजे के बाद हमले फिर से शुरू करने के लिए कहा। युद्धविराम नौ नवंबर से प्रभावी हो गया था। ऑडियो में, मुफ्ती नूर को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि चूंकि टीटीपी को मध्यस्थों या सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है, इसलिए, आधी रात के बाद उनके लड़ाके जहां कहीं भी थे, हमलों को फिर से शुरू करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं।आतंकी TTP के साथ पाकिस्तान ने किया सीजफायर, अमेरिका के मोस्ट वॉन्टेड ने की थी मध्यस्थताबातचीत को आगे नहीं बढ़ा पाया पाकिस्तानपाकिस्तान के आधिकारिक सूत्रों ने पहले कहा था कि दोनों पक्ष औपचारिक वार्ता शुरू करने के लिए सहमत हुए थे। दोनों पक्षों ने बातचीत के लिए वार्ताकारों के पांच नामों को अंतिम रूप बी दिया था। सरकार की बातचीत करने वाली टीम में दो वरिष्ठ नागरिक अधिकारी शामिल थे जिन्हें संघर्ष क्षेत्रों में सेवा करने का अच्छा अनुभव था। जबकि टीटीपी ने कहा कि उसने बातचीत के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला।पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठन TTP के आगे घुटने टेके, हक्कानी की मदद से करेगा शांति समझौताइमरान खान की मुश्किलें बढ़ाएंगे ये आतंकीटीटीपी के आतंकी पाकिस्तानी सेना पर हमला कर इमरान सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। इससे पहले भी इन आतंकियों ने इमरान खान के गृह राज्य खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान समेत कई प्रांतों में आतंक मचाया हुआ था। पिछले एक महीने से शांति समझौते के कारण टीटीपी के हमले बंद थे।