इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के चित्राल जिले पर सैकड़ों की तादाद में हमला करने वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान आतंकियों ने बहुत बड़ा प्लान बनाया था। इन टीटीपी आतंकियों ने अपने आका तालिबान की तर्ज पर पाकिस्तानी इलाकों में हमला किया था। टीटीपी ने इस बार चित्राल में हमला बोला जहां अब तक शांति थी। पाकिस्तान का चित्राल जिला अफगानिस्तान के कुनार, नूरीस्तान और बदख्शान इलाके से बिल्कुल सटा हुआ है। चित्राल वही इलाका है जहां पर कहा जाता है कि अफगानिस्तान से भागकर आने के बाद अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन कुछ समय के लिए छिपा हुआ था। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक टीटीपी सरगना नूर वली मेहसूद की योजना पीओके गिलगित तक हमला करने की थी। आइए जानते हैं पूरा मामला…चित्राल में टीटीपी के भीषण हमले से पाकिस्तानी सेना और सरकार हैरान है। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक टीटीपी ने इस बार ऐसी जगह पर हमले की योजना बनाई जहां पाकिस्तान ने उम्मीद नहीं की थी। इस हमले की अहमियत का अंजादा इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद टीटीपी का सरगना नूर वली पाकिस्तानी सीमा के दूसरी ओर से इसका नेतृत्व कर रहा था। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों का दावा है कि टीटीपी के हमले को फेल कर दिया गया है और कम से कम 12 आतंकी मारे गए हैं। सेना ने 4 जवानों के भी मारे जाने की पुष्टि की है।पाकिस्तान के चित्राल पर हमारा कब्जा हुआ, टीटीपी आतंकियों का बड़ा दावा, पाकिस्तानी सेना ने टेके घुटने!पाकिस्तानी सेना ने रातों रात भेजे कमांडोरिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना को और ज्यादा नुकसान हो सकता था, अगर उन्हें समय से पहले खुफिया सूचना नहीं मिल गई होती। पाकिस्तान को मिली सूचना में कहा गया था कि टीटीपी आतंकी चित्राल से लेकर गिलगित-बाल्टिस्तान तक हमले की योजना बनाकर आए थे। इस बीच सैकड़ों की तादाद में टीटीपी आतंकियों के जमा होने की सूचना पाकिस्तानी सेना को मिल गई। एक पाकिस्तानी सेना के अधिकारी ने बताया कि टीटीपी के हमले की तैयारी को देखते हुए तत्काल पाकिस्तानी सेना ने एसएसजी कमांडो को हवाई मार्ग से चित्राल पहुंचाया ताकि वे टीटीपी से निपट सकें।इस अधिकारी ने कहा कि अगर हमें खुफिया सूचना नहीं मिली होती तो सेना को बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता। उन्होंने कहा कि 200 की तादाद में आतंकी चित्राल में घुसे थे। वे तबाही मचा सकते थे। उन्होंने दावा किया कि टीटीपी के आतंकियों को अफगान सीमा पर ही रोक दिया गया। वहीं टीटीपी ने दावा किया है कि उसने चित्राल के कई गांवों पर कब्जा कर लिया था और उसे स्थानीय लोगों का सहयोग भी मिला है। इस हमले से पाकिस्तान में खतरे की घंटी बज गई है। पाकिस्तानी अधिकारियों का मानना है कि सीमा पर इतने बड़े पैमाने पर टीटीपी आतंकियों की मौजूदगी बिना तालिबानी सरकार की मदद के संभव नहीं थी।टीटीपी आतंकियों ने पाकिस्तानी गांवों पर किया कब्जा! तालिबान-पाकिस्तान की सेना में जोरदार गोलीबारी, सीमा बंदतालिबान की तरह से पाकिस्तानी सेना पर हमलाअब चित्राल हमले से तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच तनाव और भड़क सकता है। यही नहीं जिस दिन टीटीपी ने हमला किया था, ठीक उसी दिन तालिबान ने तोर्खम सीमा पर एक और चौकी बनाने की कोशिश की। पाकिस्तानी सेना ने जब इसका विरोध किया तो दोनों के बीच जमकर गोलीबारी हुई थी। तोर्खम सीमा दो दिन से बंद है। इस बीच टीटीपी सरगना ने ऐलान किया है कि पाकिस्तान पर तब तक हमले जारी रहेंगे जब तक कि देश में शरिया कानून लागू नहीं हो जाता है। टीटीपी का कहना है कि यह वर्तमान लोकतंत्र छलावा है और अफगानिस्तान की तरह ही शरिया कानून पाकिस्तान में लागू होगा।अफगानिस्तान के चर्चित पत्रकार बिलाल सरवरी का मानना है कि टीटीपी आतंकी ठीक उसी तरह से हमले कर रहे हैं जिस तरह से साल 2018 में तालिबान ने अशरफ गनी की सेना पर हमला करना शुरू किया था। टीटीपी आतंकी कुछ जगहों पर पाकिस्तानी सेना को फंसाकर रख रहे हैं और फिर एक दूसरी जगह पर जोरदार हमला कर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि तालिबानी आतंकी अब बड़ी तादाद में टीटीपी में शामिल हो रहे हैं। कई विश्लेषकों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना के भारत से भी बड़ा खतरा अब टीटीपी के आतंकी हैं।