लंदन: ब्रिटेन में पुलिस अधिकारी या बैंक कर्मी बनकर बुजुर्गों व अन्य के साथ ठगी करने वाले भारतीय मूल के 28 वर्षीय जालसाज को लंदन की एक अदालत ने धोखाधड़ी के नौ मामलों में आठ साल के कारावास की सजा सुनाई है। मेट्रोपॉलिटन पुलिस के मुताबिक, स्नेरेसब्रुक क्राउन कोर्ट ने किशन भट्ट को पिछले साल नवंबर में दोषी ठहराया था और मंगलवार को उसको सजा सुनाई। पुलिस के अनुसार, ‘स्पेशलिस्ट इकोनॉमिक क्राइम’ टीम ने अपनी जांच में पाया कि भट्ट ने नौ पीड़ितों के साथ 2.60 लाख ब्रिटिश पाउंड से अधिक राशि की धोखाधड़ी की थी।यही नहीं उसने ठगी के कई अन्य प्रयास भी किए थे, जिन्हें वित्तीय संस्थानों या आभूषण विक्रेताओं ने नाकाम कर दिया था। पुलिस ने बताया कि भट्ट के सहयोगी आर्टियम किसेलियोव (35) को धोखाधड़ी के एक मामले में पिछले साल अप्रैल में चाढ़े साल वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई थी। किसेलियोव की गिरफ्तारी एक संदिग्ध जौहरी द्वारा 90 वर्षीय पीड़िता के संबंध में पुलिस से संपर्क करने के बाद हुई थी। उसने बताया था कि पीड़िता से एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए संपर्क किया था।किशन भट्ट ने यूं की ठगीउसने एक व्यक्ति को पीड़िता के बैंक कार्ड के साथ गिरफ्तार करने की बात कही थी। शिकायकर्ता जौहरी के मुताबिक, कॉलर ने बुजुर्ग महिला से कहा था कि अगर उसे अपने पैसे बचाने हैं, तो सोने और आभूषणों में निवेश करना होगा, जिससे जालसाज उसके कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। पीड़िता से महंगी घड़ियां आदि चीजें भी खरीदवाई गईं। इसके बाद, किसेलियोव उसके घर पहुंचा और इन चीजों को सुरक्षित स्थान पर रखने के नाम पर उक्त सभी चीजें ले लीं। शिकायकर्ता के अनुसार, जालसाजों को पकड़वाने में मदद के नाम पर किसेलियोव और भट्ट बुजुर्ग महिला को लंदन की एक दुकान पर ले गए और उससे सोने के आभूषण भी खरीदवाए।जांचकर्ताओं ने मामले की जांच करते हुए उस वाहन की पहचान की, जिससे किसेलियोव और भट्ट बुजुर्ग महिला को लेकर आभूषण की दुकानों पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि भट्ट ने सितंबर 2020 से मई 2022 के बीच 29 से 90 साल के नौ लोगों के साथ या तो बैंक कर्मी या पुलिस कर्मी या फिर मकान मालिक बनकर ठगी की थी। पीड़ितों का भरोसा जीतने के बाद वह उनके खाते में मौजूद राशि अपने खाते में स्थानांतरित कर लेता था। पुलिस के अनुसार, ज्यादातर पीड़ितों से ठगी गई राशि उनके बैंक खातों में जमा करा दी गई है।