लंदन: रविवार को भारतीय उच्चायोग पर जो कुछ हुआ, वह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब फिर से खालिस्तानी उसे दोहराने की साजिश में लगे हुए हैं। पूरे ब्रिटेन से हजारों खालिस्तानी लंदन पहुंच रहे हैं। भारत के पंजाब राज्य में अमृतपाल की गिरफ्तारी पर मचे बवाल के खिलाफ प्रदर्शन का मन बना चुके ये खालिस्तानी 22 मार्च को फिर से भारतीय उच्चायोग के बाहर इकट्ठा होंगे। पंजाब राज्य में इंटरनेट पर लगे बैन और अमृतपाल के साथियों के खिलाफ एक्शन से ये खालिस्तानी बौखला गए हैं। बताया जा रहा है कि स्मेथविक और विलेनहॉल से कई कोच रवाना होंगे जिनमें स्थानीय नागरिक सवार होंगे। अमृतपाल की गिरफ्तारी से नाराजब्रिटेन में कई सिख संगठनों ने अमृतपाल की गिरफ्तारी पर चिंता जताई है। इन संगठनों का दावा है कि उन्होंने अमृतपाल की गिरफ्तारी के वीडियोज देखे हैं। इन संगठनों का दावा है कि अमृतपाल को फेक एनकाउंटर में ढेर किया जा सकता है। अमृतपाल, वारिस दे पंजाब का नेता है और खालिस्तान आंदोलन से जुड़ा है। इस संगठन को दीप सिंह सिद्धू ने शुरू किया था जिसकी 2022 में मौत हो गई थी। सिख फेडरेशन यूके के जस सिंह की मानें तो दुनिया भर के सिख अमृतपाल की गिरफ्तारी से चिंतित हैं।UK India Khalistan: लंदन में खालिस्तानियों ने किया तिरंगे का अपमान, भारत के अधिकारियों पर खतरा, फिर भी खामोश हैं भारतीय मूल के पीएम ऋषि सुनकजस सिंह का कहना है कि भारतीय अथॉरिटीज की तरफ से जो कुछ किया गया है, उसके खिलाफ यूके सिख ऑर्गनाइजेशन और युवा संगठनों की तरफ से 22 मार्च को भारतीय उच्चायोग के सामने दोपहर एक बजे से तीन बजे तक एक प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। भारत ने लगाया भेदभाव का आरोपभारतीय उच्चायोग पर 19 मार्च को हुई घटना के खिलाफ भारत सरकार ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। भारत ने यूके पर सुरक्षा में भेदभाव का आरोप लगाया है। खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए कई खालिस्तानी उच्चायोग में दाखिल हुए और उन्होंने तिरंग को उतार दिया। जिस समय यह घटना हुई उस समय भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त अलेक्जेंडर डब्ल्यू एलिस यात्रा पर थे। ऐसे में उनकी डिप्टी क्रिस्टीना स्कॉट को रात के 10:30 बजे भारतीय विदेश मंत्रालय में तलब किया गया। स्कॉट के बुलाए जाने से पहले एलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया कि लंदन में इंडिया हाउस में ‘अपमानजनक कृत्य’ पूरी तरह से अस्वीकार्य है।