लंदन: यूक्रेन में रूसी सेना भेजने के फैसले पर ब्रिटेन (Russia Britain Tension) ने कड़ी नाराजगी का इजहार किया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson on Russia Ukraine Crisis) ने कहा है कि उनका देश आर्थिक प्रतिबंधों की पहली बमबारी कर रूस को निशाना बनाएगा। उन्होंने आगाह किया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन (Vladimir Putin Ukraine News) के खिलाफ पूर्ण युद्ध शुरू करने को लेकर अड़े हुए हैं। जॉनसन ने रूस के ऊपर अंतरराष्ट्रीय कानूनों को तोड़ने का आरोप भी लगाया। जिसके बाद ब्रिटेन ने रूस के पांच बैंक और तीन बड़े बिजनेसमैन पर प्रतिबंध (UK Sanctions on Russia) लगाने का ऐलान भी किया है। पीएम जॉनसन ने बुलाई आपात बैठकपूर्वी यूक्रेन में दो अलग-अलग क्षेत्रों को मान्यता देने के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निर्णय के मद्देनजर सुबह कैबिनेट ऑफिस ब्रीफिंग रूम-ए (कोबरा) की आपातकालीन बैठक के बाद वह बोल रहे थे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने पुतिन पर यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। जॉनसन ने कहा, ‘‘उन्होंने सैनिकों को अंदर भेजा है, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा है, उन्होंने मिन्स्क समझौतों को खारिज किया और वर्ष 1994 में बुडापेस्ट में बनी सहमति को भी तार-तार कर दिया जिसमें यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात है।’’’रूस ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों को तार-तार कर दिया’जॉनसन ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून को तार-तार कर दिया है इसलिए वह तुरंत आर्थिक प्रतिबंध लगाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि रूस के लोग भी प्रतिबंधों की उम्मीद कर रहे होंगे। ब्रिटिश सरकार की संकट काल की आपात बैठकें कैबिनेट ऑफिस ब्रीफिंग रूम में आयोजित की जाती हैं और आमतौर पर ब्रीफिंग रूम ए में होती हैं, जिसके कारण उन्हें कोबरा कहा जाता है। यह बैठक ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद के बयान के बाद हुई। जाविद ने कहा था कि उन क्षेत्रों में से एक दोनेस्क के पास टैंक देखे गए हैं, इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ‘यूक्रेन पर हमला शुरू हो चुका’ है। रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाएगा ब्रिटेनयूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक में ब्रिटेन की राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा, ‘‘ब्रिटेन अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन और यूक्रेन की संप्रभुता-अखंडता पर हमले के जवाब में रूस पर नए प्रतिबंध लगाने का ऐलान करेगा। इसकी किसी भी कार्रवाई के गंभीर आर्थिक नतीजे होंगे।”उन्होंने कहा कि इस परिषद को एकजुट होकर रूस से तुरंत तनाव कम करने का आह्वान करने समेत एक संप्रभु राष्ट्र के खिलाफ आक्रामकता की निंदा करनी चाहिए। उन्होंने यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की एकजुट होकर रक्षा करने की बात कही। रूसी नागरिकों पर भी प्रतिबंध की तैयारीयूके के विदेश सचिव लिज ट्रस ने पुष्टि की कि रूस से जुड़े लोगों और संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है और इसके लिए हालिया कानूनों का इस्तेमाल किया जाएगा। इस महीने की शुरुआत में ब्रिटिश सरकार ने नया कानून पारित किया जिसमें यूक्रेन में रूसी कार्रवाई से जुड़े लोगों पर प्रतिबंध लगाने की शक्तियों में बढ़ोतरी की गई है। इस कानून ने सरकार को रासायनिक, रक्षा, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) और वित्तीय सेवा उद्योग जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रूसी व्यवसायों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की शक्तियां दी गई हैं। अमेरिका, फ्रांस और यूरोपीय संघ सहित ब्रिटेन के कई पश्चिमी सहयोगियों ने पुतिन के कदम की निंदा करते हुए प्रतिबंध लगाने का वादा किया है। यूक्रेनी क्षेत्र को आजादी का दर्जा देने से बिफरा हुआ है ब्रिटेनपुतिन ने स्व-घोषित पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ दोनेस्क और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ लुहान्स्क के रूप में पूर्वी यूक्रेन के दो क्षेत्रों की आजादी को मान्याता देने वाली एक राजाज्ञा पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसकी पश्चिमी देश निंदा कर रहे हैं। रूसी समर्थित विद्रोही वर्ष 2014 से उन क्षेत्रों में यूक्रेनी सेना से लड़ रहे हैं। आशंका है कि रूस द्वारा मान्यता प्राप्त क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए सैन्य बल यूक्रेन की सीमाओं को पार कर सकते हैं। पुतिन ने कहा है कि दो विद्रोही क्षेत्रों में जाने वाले सैनिक ‘शांति व्यवस्था’ का काम पूरा करेंगे।