इस्लामाबाद: कंगाल पाकिस्तान ने रूसी हमले से बेहाल यूक्रेन को बड़ा चूना लगाया है। पाकिस्तान ने यूक्रेन को जो हथियार और रॉकेट भेजे हैं, वे जंग में फुस्स साबित हो रहे हैं। पाकिस्तानी रॉकेट की घटिया क्वालिटी से यूक्रेन की सेना परेशान है। एक तरफ रूस जहां भीषण हमले कर रहा है, वहीं यूक्रेन को हथियार नहीं मिल पा रहे हैं। आलम यह है कि अब यूक्रेन की सेना को बखमुत में हार का डर सताने लगा है। यह वही जगह है, जहां रूस और यूक्रेन की सेना में कई महीने से भीषण युद्ध चल रहा है।रूसी हमलों से निपटने के लिए यूक्रेन की सेना BM-21 Grad रॉकेट फायर कर रही है। बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेनी सेना के एक अधिकारी ने बातचीत में कहा कि हमारे पास हथियारों के लिए पर्याप्त गोला बारूद नहीं है। रूसी सेना बखमुत को कब्जा करने के लिए लगातार तेजी से अब आगे बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में यूक्रेन की सेना पर जवाबी कार्रवाई का दबाव बहुत बढ़ता जा रहा है। यूक्रेनी सेना चाहकर भी इस पूरे अभियान में मुंहतोड़ जवाब नहीं दे पा रही है।Pakistan Army Chief: टैंक ‘बेकार’, भारत से युद्ध नहीं लड़ सकते… बाजवा के खुलासे से बेइज्जती पर पाकिस्तानी सेना ने चुप्पी तोड़ीयूक्रेन को टैंक और रॉकेट भेज रहा है पाकिस्तानयूक्रेनी सेना ने कहा कि उसके पास ग्रैड रॉकेट का जो स्टॉक था, वह अब खत्म हो गया है। यूक्रेन अब दुनिया के अन्य देशों से आए रॉकेट पर निर्भर हो गया है। उसने कहा कि यूक्रेन को चेक गणराज्य, रोमानिया और पाकिस्तान से गोला बारूद की आपूर्ति हो रही है। यूक्रेनी सेना के एक अधिकारी वोलोदमयर ने कहा कि पाकिस्तान में बनकर आए रॉकेट की क्वालिटी बहुत खराब है। इससे पहले कंगाल पाकिस्तान ने डॉलर और एमआई-17 हेलिकॉप्टर के इंजन की लालच में यूक्रेन को करोड़ों डॉलर का हथियार और गोला बारूद भेजा है।पाकिस्तान की ओर से भेजा गया यही हथियार अब यूक्रेन के लिए संकट का सबब बन गया है। इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान के हथियारों की हालत बहुत खराब है और वह भारत से युद्ध नहीं लड़ सकती है। पाकिस्तान ने जिस ग्रैड रॉकेट की आपूर्ति की है, उसे पाकिस्तानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ने बनाया है। ये रॉकेट घटिया साबित हो रहे हैं। इन रॉकेट की मारक क्षमता 20 किमी तक बताई जाती है लेकिन ये युद्ध में फुस्स साबित हो रहे हैं। पाकिस्तान ने 10 हजार ग्रैड रॉकेट और 44 टी-80 टैंक यूक्रेन को भेजने का पश्चिमी देशों के साथ समझौता किया है। इसके बदले में उसे काफी पैसा मिला है।