Us China War,चीन के खिलाफ 400 नई मिसाइलें… अमेरिकी एटम बम के बॉस ने बताया ड्रैगन पर महाप्रहार का प्‍लान – us says china increasing its nuclear capabilities rapidly and its dangerous

ओमाहा: चीन दिन पर दिन दुनिया के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। अमेरिका की तरफ से जो नई बात कही गई है, उससे तो यही लगता है। अमेरिकी स्‍ट्रैटेजिक कमांड की तरफ से चीन के परमाणु विकास कार्यक्रम पर लगातार नजर रखी जा रही है। अब इसके मुखिया की तरफ से पिछले दिनों कहा गया है कि चीन तेजी से परमाणु हथियार विकसित करने में लगा है। उनके बयान का अगर विश्‍लेषण करें तो लगता है कि चीन, अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। मगर अमेरिकी सेना भी इससे निबटने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है।अमेरिका पीछे, चीन आगेनेब्रास्का के ऑफुट एयर फोर्स बेस में कमांड मुख्‍यालय की तरफ से चीन की जितनी भी गतिविधियों पर गौर किया गया है, उसके मुताबिक वह जमीन, समुद्र और एयर बेस्‍ड डिलिवरी प्लेटफार्म का न्‍यूक्लियर ट्रायंगल तैयार करने की तरफ बढ़ चुका है। अमेरिका ने वर्तमान समय में व्योमिंग, मोंटाना और नॉर्थ डकोटा में एयरफोर्स बेसेज पर 400 मिनिटमैन III आईसीबीएम तैनात की हुई हैं। अमेरिकी वायुसेना नई आईसीबीएम को भी डेवलप करने में लगी हुई है।अमेरिकी वायुसेना की योजना सभी मिसाइलों और जमीनी प्रक्षेपण नियंत्रण सुविधाओं को नई आईसीबीएम से बदलने की है। इस दशक के अंत तक चीन के पास 1000 से ज्‍यादा हथियार होने का अनुमान है। यह आंकड़ा जनवरी तक उसके पास मौजूद अनुमानित 410 से कहीं ज्‍यादा है। इससे चीन अमेरिका और रूस के बराबर आ जाएगा।अगर रूस और चीन ने मिला लिए हाथ?स्‍ट्रैटेजिक कमांड के मुखिया जनरल एंथोनी कॉटन ने बुधवार को ओमाहा में आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया के सामने कई अहम बातें रखीं। उन्‍होंने कहा,’ हमें ऐसा कोई संकेत नहीं दिख रहा है जिससे लगे चीन ने परमाणु हथियार बनाने की रफ्तार कुछ कम कर दी है।’ कॉटन ने कहा कि इस साल फरवरी में उन्‍होंने कांग्रेस को बताया था कि चीन के ग्राउंड बेस्‍ड सिस्‍टम जिनमें रोड मोबाइल और साइलो बेस्‍ड दोनों शामिल हैं, उनकी संख्या अमेरिका की तुलना में ज्‍यादा है।जनरल कॉटन को चिंता है कि अगर चीन और रूस एक हो गए तो अमेरिका को नुकसान होगा।जनरल ने बताया सचअमेरिकी जनरल कॉटन ने इस साल की शुरुआत में कांग्रेस को लिखी चिट्ठी में सांसदों के सामने चिंता जताई थी। उन्‍होंने कहा था कि चीन के पास इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) की संख्या अमेरिका की तुलना में कम है लेकिन जमीन आधारित और मोबाइल आईसीबीएम लांचरों की संख्‍या बढ़ गई है। साइलो-आधारित सिस्टम अपनी जगह पर स्थिर होते हैं और इन्हें छुपाना कठिन होता है लेकिन ये सिस्‍टम मोबाइल सिस्टम की तुलना में कम विनाशकारी होते हैं। मार्च में कांग्रेस की सुनवाई में, कॉटन ने गवाही दी कि पिछले तीन सालों के अंदर चीन ने सैकड़ों नई आईसीबीएम साइलो का निर्माण किया है। कॉटन ने बताया कि चीन ने तीन नई मिसाइलों को 300 से ज्‍यादा साइलो पर फिट किया है।