US China War: खतरनाक मिसाइलों का जखीरा बढ़ाने में लगा है चीन, अमेरिका ने बताया दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा – china missile programe and nuclear breakout threatening the world

वॉशिंगटन: चीन के पास मौजूद बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलों को अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियों ने सबसे ज्‍यादा सक्रिय और विविध करार दिया है। अमेरिका का मानना है कि चीन के पास दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइलों का जखीरा है। उसके पास क्रूज मिसाइल से लेकर परमाणु हथियार लेकर जाने वाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) तक मौजूद है। अगस्‍त 2021 में तत्‍कालीन अमेरिकी कांग्रेस स्‍पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा पर गई थीं। उसके बाद से ही चीन आक्रामक बना हुआ है। मिसाइल की लॉन्चिंग इसी आक्रामकता का सुबूत है। 135 मिसाइलों का टेस्‍ट अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के मुताबिक चीन ने साल 2021 में 135 बैलेस्टिक मिसाइलों को लॉन्‍च किया है। इन्‍हें टेस्टिंग या फिर ट्रेनिंग मकसद से लॉन्‍च किया गया। अमेरिका की तरफ से बताया गया है कि 135 बैलेस्टिक मिसाइलों की लॉन्चिंग दुनिया में बाकी मिसाइलों की तुलना में कहीं ज्‍यादा है। अगर बैलेस्टिक मिसाइलों को हटा दिया जाए तो इतनी मिसाइलें तो युद्ध के मैदान में तैनात हैं। साल 2022 में हालां‍कि इनकी संख्‍या कम है। ऐसा पहली बार है जब अमेरिका को रूस और चीन के तौर पर परमाणु ताकत से लैस दो प्रतिद्वंदियों का सामना करना पड़ रहा है। जबसे दोनों देशों के बीच दोस्‍ती बढ़ी है तब से ही अमेरिका एक अलग ही परेशानी में है।निशाने पर चीन! अपने परमाणु बमों को ‘चमका’ रहा भारत, अमेरिकी रिपोर्ट में दावापरमाणु क्षमता वाली मिसाइलेंचीन की पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (PLA) परमाणु बल पर जमकर निवेश कर रही है। पेंटागन के मुताबिक मॉर्डनाइजेशन के पूर्व में किए गए सभी प्रयासों को आगे बढ़ाया गया है। साथ ही जमीन, समु्द्र और हवा में एक परमाणु घेरा बना लिया गया है। यूके स्थित इंटरनेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ स्‍ट्रैटेजिक स्‍टडीज (IISS) के मुताबिक चीन वह सबकुछ कर रहा है जो दशकों बाद उसके परमाणु नीति की तरफ झुकने का इशारा करता है। चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग का मानना है कि परमाणु हथियार देश की प्रतिष्‍ठा को बढ़ाने के लिए जरूरी होती है। उनकी इसी सोच का नतीजा है कि चीन अब बड़े पैमाने पर परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों की एक फौज तैयार करने में लगा है।Japan US Relations: अमेरिका पर अब नहीं रह गया है जापान को भरोसा! क्‍यों वॉशिंगटन पर शक कर रहा टोक्यो?2035 तक का लक्ष्‍यपेंटागन के मुताबिक चीन के पास 400 से ज्‍यादा परमाणु हथियार हैं जो कि दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। साल 2035 तक चीन का मकसद रॉकेट फोर्स का आधुनिकीकरण करना है। माना जा रहा है कि तब तक 1500 परमाणु हथियार चीन के पास हो जाएंगे। साल 2017 से चीन और अमेरिका वके बीच रिश्‍ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। यूके के थिंक टैंक का कहना है कि चीनी नेताओं ने इस बात की धारणा बना ली है कि आने वाले समय में अमेरिका के साथ कोई संघर्ष हो सकता है। ऐसे में वह परमाणु हथियारों को ही लड़ाई का बड़ा जरिया मानने लगे हैं। चीन की रॉकेट फोर्स के शॉर्ट रेंज वाली बैलेस्टिक मिसाइल 725-850 किलोमीटर की रेंज वाली डीएफ-15 से लेकर 700 किलोमीटर की रेंज वाली डीएफ-16 तक शामिल हैं। इसके अलावा मीडियम रेंज की डीएफ-21 से लेकर डीएफ-17 तक शामिल हैं।मिलिट्री बेसेज को निशाना बनाना!डीएफ-17 एक हाइपरसोनिक ग्‍लाइड व्‍हीकल वाली मिसाइल है और डीएफ-21 की रेंज 1500 किलोमीटर है। एक अनुमान के मुताबिक चीन के पास मीडियम रेंज और इंटरमीडियट रेंज की 900 मिसाइलें शामिल हैं। इसके अलावा CJ-10 जमीन से लॉन्‍च हो सकने वाली क्रूल मिसाइल भी इसके जखीरे का हिस्‍सा है जिसकी रेंज 1500 किलोमीटर है। इसके अलावा 2000 किलोमीटर रेंज वाली डीएफ-100 भी शामिल हैं। डीएफ-17 को सबसे पहले साल 2020 में तैनात किया गया था। इस मिसाइल को विदेशी मिलिट्री बेस और पश्चिमी प्रशांत में मौजूद नौसैनिक अड्डों को निशाना बनाने के मकसद से तैयार किया गया है। अमेरिका का मानना है कि डीएफ-17 परमाणु हथियार तक ले जा सकती है।