वॉशिंगटनकोरोना वायरस से सबसे ज्यादा मौतें झेलने वाले अमेरिका में एंटी कोविड टेबलेट बनाने का काम युद्धस्तर पर जारी है। अमेरिकी सरकार इस दवा को विकसित करने में 3 बिलियन डॉलर तक खर्च करने को तैयार है। यह एंटी वायरल दवा कोरोना वायरस से संक्रमण से इंसानों को बचाने का काम करेगी। इस दवा के 2021 के अंतिम महीने तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है।एंटीवायरल प्रोग्राम शुरू करेगा अमेरिकादेश के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने व्हाइट हाउस में एक ब्रीफिंग के दौरान इस निवेश की घोषणा की। यह निवेश महामारी के लिए नए एंटीवायरल प्रोग्राम के हिस्से के रूप में किया जाएगा ताकि कोरोना वायरस जैसे संभावित खतरनाक वायरस के कारण उत्पन्न लक्षणों को दूर करने के लिए दवाइयों का विकास किया जा सके।अगले साल के अंत तक कुछ दवाओं की लॉन्चिंग संभवकोविड के लिए विकसित दवाइयों का उपयोग संक्रमण के बाद लक्षणों को कम करने के लिए किया जाएगा। ये अभी विकास के चरण में हैं और नैदानिक परीक्षणों के पूरा होने तक साल के अंत तक आ सकती हैं। वित्त पोषण से नैदानिक परीक्षणों को गति मिलेगी और निजी क्षेत्र को अनुसंधान, विकास और विनिर्माण में अतिरिक्त सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि महामारी की क्षमता वाले कई वायरसों के लिए कुछ उपचार मौजूद हैं। लेकिन टीके स्पष्ट रूप से हमारी तैयारी का केंद्रबिंदु बने हुए हैं।दूसरी बीमारियों के लिए भी बनाई जाएगी दवाभविष्य में वायरस से पैदा होने वाले खतरों को देखते हुए अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (डीएचएचएस) ने गुरुवार को ऐलान किया कि वह महमारी की क्षमता रखने वाली दूसरी बीमारियों के लिए भी दवा तैयार करने में सहायता करेगा। अमेरिका ने पिछले साल 18 बिलियन डॉलर की लागत से रिकॉर्ड समय में कोरोना की पांच प्रभावी वैक्सीन तैयार की थी। इसी सफलता के कारण एक प्रभावी एंटी वायरल दवा बनाने के प्रोग्राम को शुरू किया गया है। यह दवा शुरुआत में ही कोरोना वायरस को नष्ट कर देगी।मंजूरी मिलते ही 15 लाख डोज खरीदेगा अमेरिकाअमेरिकी प्रशासन ने पहले ही घोषणा की हुई है कि अगर इस एंटीवायरल दवा को आपातकालीन उपयोग के लिए हरी झंडी मिलती है तो वह अकेले 1.5 मिलियन से अधिक डोज खरीदेगा। इस दवा को अमेरिका की प्रसिद्ध फार्मा कंपनी मर्क बना रही है। डीएचएचएस ने खुलासा किया कि वह पहले से ही 19 तरह के बीमारी ठीक करने वाले एजेंट्स का क्लिनिकल ट्रायल करवा रहा है। अगले एक साल के अंदर इनमें से कई दवाओं को एफडीए की मंजूरी मिलने का अनुमान भी है।ट्रंप प्रशासन ने वैक्सीन पर ही दिया था जोरएंटीवायरल ड्रग्स को बनाने में अमेरिका की यह फंडिंग दरअसल ट्रंप प्रशासन के एक पुराने फैसले में सुधार से संभव हुआ है। ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान कोरोना वैक्सीन निर्माण के लिए ऑपरेशन वॉर्प स्पीड शुरू किया था। इस दौरान वैक्सीन के निर्माण के लिए कई फार्मा कंपनियों को खूब पैसा दिया गया। तब के प्रशासन ने वैक्सीन के अलावा कोविड के उपचार के लिए किसी अन्य विधि को विकसित करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। अब बाइडन प्रसाशन पुराने नियमों को बदलकर अलग-अलग उपचार विधियों को फंडिंग दे रहा है।