ब्रसेल्स : यूक्रेन पर रूस के सैन्य आक्रमण (Russian Attack on Ukraine) की आशंका के बीच नाटो (NATO) के पूर्वी हिस्से पर अपने सहयोगियों के प्रति अमेरिकी कटिद्धता प्रदर्शित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) इस हफ्ते करीब 2,000 सैनिक पोलैंड और जर्मनी भेज रहे हैं तथा जर्मनी से 1000 सैनिक रोमानिया पहुंचा रहे हैं। पेंटागन (रक्षा विभाग) ने बुधवार को यह जानकारी दी। इन कदमों की घोषणा करते हुए पेंटागन (Pentagon) के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिकी सैन्यबल यूक्रेन (Ukraine) में दाखिल नहीं होंगे और अमेरिकी कमान में वे आगामी दिनों में नए मोर्चे की ओर जाएंगे।उन्होंने कहा, ‘ये स्थायी कदम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मकसद यूक्रेन की सीमा के समीप के रूसी सैन्य जमावड़े को लेकर बढ़े हुए तनाव के बीच सहयोगियों को आश्वस्त करना है।’ उन्होंने कहा कि रूसी जमावड़ा यहां तक पिछले 24 घंटे में भी जारी है। प्रेस सचिव ने सैनिकों को अमेरिका से जर्मनी एवं पोलैंड तथा जर्मनी से रोमानिया भेजने का जिक्र करते हुए कहा, ‘ये सैनिक यूक्रेन में लड़ने नहीं जा रहे हैं।’Ukraine: अगर रूस ने बरसाए बम तो लड़कियों से भरे ‘स्ट्रिप क्लब’ में छिपेंगे लोग! मैनेजर बोला- देनी होगी एंट्री फीस’तैनाती का उद्देश्य लड़ना नहीं, हमला रोकना है’इस बीच, पोलैंड के रक्षा मंत्री मारिउज ब्लासजाक ने ट्वीट किया कि उनके देश के लिए अमेरिका की तैनाती ‘यूक्रेन में स्थिति के संदर्भ में एकजुटता का मजबूत संकेत’ है। पेंटागन ने एक पृथक लिखित बयान में कहा कि कैवलरी की तैनाती का उद्देश्य ‘आक्रमण रोकना तथा जोखिम बढ़ जाने के दौरान अग्रिम सहयोगियों में अपनी रक्षा क्षमता बढ़ाना है।’ किर्बी ने कहा कि, ‘महत्वपूर्ण यह है कि नाटो के प्रति अमेरिकी कटिबद्धता के लिए हम पुतिन एवं दुनिया को एक संकेत देते हैं।’हमला करने को आतुर हैं पुतिन!यूक्रेन की सीमा के नजदीक रूसी सैनिकों के जमावड़े को लेकर रूस के साथ रूकी हुई वार्ता के बीच अमेरिका ने यह कदम उठाया है। अमेरिका ने पूरे यूरोप में बढ़ती इस आशंका को रेखांकित किया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर आक्रमण करने को आतुर हैं और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के पूर्वी यूरोप में छोटे सदस्य देश इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अगली बारी उनकी हो सकती है।Ukraine Crisis: अब बेलारूस-यूक्रेन की सीमा पर जमा हुए हजारों रूसी कमांडो, शुरू हुआ महायुद्धाभ्‍यासरूस पीछे हटा तो हो सकती है अमेरिका के साथ डील?उल्लेखनीय है कि यूक्रेन की सीमा के नजदीक रूस के एक लाख से अधिक सैनिक तैनात करने के बाद यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की आशंका बढ़ गई है। हालांकि, रूसी अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि आक्रमण करने की मास्को की कोई मंशा नहीं है। इस बीच, बुधवार को एक स्पेनिश समाचार पत्र में प्रकाशित एक लीक दस्तावेज से यह पता चला है कि यूक्रेन की सीमा से यदि रूस पीछे हटने का फैसला करता है तो यूरोप में मिसाइल की तैनाती पर तनाव को घटाने के लिए अमेरिका उसके(रूस के) साथ एक समझौता करने को इच्छुक हो सकता है।लीक हुए दस्तावेज पर टिप्पणी से इनकारएल पेइस समाचार पत्र ने दो दस्तावेज प्रकाशित किए हैं, जो अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) द्वारा पिछले हफ्ते यूरोप में एक नए सुरक्षा समझौते के लिए रूस के प्रस्तावों को जवाब में लिखे गए थे। हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया है। नाटो ने दूसरे दस्तावेज के संदर्भ में कहा कि उसने कथित लीक पर कभी टिप्पणी नहीं की। यह संदेश पिछले हफ्ते नाटो महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग द्वारा मीडिया को दिये बयान को बहुत हद तक प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने रूस की मांगों पर 30 देशों के सैन्य संगठन का रुख बताया था।