मॉस्को: व्लादिमीर पुतिन ने रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों के जवाब में परमाणु हथियारों (Russia Nuclear Weapons) की तैनाती का आदेश दिया है। उनके आदेश के बाद रूसी सेना के परमाणु निवारक बल (Russian Nuclear Deterrent Forces) हाई अलर्ट पर चले गए हैं। बताया जा रहा है कि पुतिन ने रविवार को रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और चीफ ऑफ स्टाफ वालेरी गेरासिमोव के साथ बैठक के दौरान इस कदम की घोषणा की है। रूस के परमाणु निवारक बलों (Russia Nuclear Power) में अलग-अलग तरह के कई सामरिक हथियार शामिल हैं। ये हथियार पारंपरिक और परमाणु वॉरहेड के साथ हमला कर सकते हैं। इन हथियारों का इस्तेमाल रक्षात्मक और आक्रामक रूप से किया जा सकता है। दुनिया के हर परमाणु शक्ति संपन्न देश के पास परमाणु निवारक बल मौजूद हैं। हालांकि, इनकी तैनाती बहुत की कम देखने को मिलती है। माना जा रहा है कि पुतिन इन हथियारों को तैनात कर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों पर अपने दबाव को बढ़ाना चाहते हैं। पुतिन ने यह ऐलान करते हुए कहा कि पश्चिमी देश न केवल हमारे देश के खिलाफ आर्थिक क्षेत्र में दुश्मनी वाली कार्रवाई कर रहे हैं। मैं उन नाजायज प्रतिबंधों के बारे में बात कर रहा हूं जिनसे हर कोई अच्छी तरह वाकिफ है। प्रमुख नाटो देशों के शीर्ष अधिकारी भी हमारे देश के खिलाफ आक्रामक बयान दे रहे हैं। पुतिन का इशारा स्विफ्ट भुगतान प्रणाली की ओर था। रविवार को ही अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस के प्रमुख बैंको को स्विफ्ट भुगतान प्रणाली से बाहर करने का ऐलान किया था। पश्चिमी देशों के इस कदम को रूस पर आर्थिक परमाणु हमला कहा जा रहा है। इससे रूसी बैंको को अंतरराष्ट्रीय लेनदेन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इतना ही नहीं, रूसी बैंकों को इससे बाहर जाने पर भारी नुकसान होने की आशंका भी है।International Court of Justice : इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस क्या है? पुतिन को झुका पाएगा बिना दांत वाला यह शेर, सब कुछ जानेंक्या है स्विफ्ट सिस्टम, जिसको लेकर भड़के पुतिनस्विफ्ट (SWIFT) का मतलब सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन होता है। यह एक तरह का हाई सिक्योरिटी नेटवर्क है, जिससे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन की जाती है। इसकी स्थापना 1973 में टेलेक्स की जगह की गई थी। अब तक दुनिया के 200 से अधिक देश अपनी बैंकिंग के लिए स्विफ्ट नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। इसे ग्लोबल फाइनेंस चेन के लिए एक जरूरी तकनीक माना जाता है। स्विफ्ट को बेल्जियम में स्थित एक बोर्ड संचालित करता है। इसमें रूस के सेंट्रल काउंटरपार्टी क्लियरिंग सेंटर में मैनेजमेंट बोर्ड के चेयरमैन एडी एस्टानिन भी शामिल हैं।चीन की नापाक चाल पर 15 मिनट में परमाणु बम गिराने वाला था सोवियत संघ, फिर…यूरोप में छिड़ सकती है हथियारों की होड़रूस के परमाणु हथियारों की तैनाती के बाद यूरोप में तनाव और ज्यादा गहरा सकता है। यूरोप में रूस के अलावा फ्रांस और ब्रिटेन के पास भी परमाणु हथियार हैं। ये दोनों देश अमेरिका के दोस्त और नाटो के सदस्य हैं। ऐसे में रूस के आसपास के इलाकों में ये देश भी अपने-अपने परमाणु हथियारों को तैनात कर सकते हैं। हालांकि, संख्यात्मक रूप से बिना अमेरिका के फ्रांस और ब्रिटेन रूस का मुकाबला नहीं कर सकते हैं। ऐसे में अगर अमेरिका भी रूस के नजदीक अपने परमाणु हथियारों को तैनात करता है तो इससे भविष्य में गतिरोध और ज्यादा गंभीर हो सकता है।Explainer : Russia Ukraine War के मद्देनजर Nato ने Response Force एक्टिवेट किया, खतरनाक यूनिट, सिर्फ 12 महीने की तैनाती, हर देश के सैनिक.. जानिए सब कुछरूस के पास कुल 4477 परमाणु हथियारफेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार रूस के पास कुल 4477 परमाणु हथियार हैं। इनमें से 2565 स्ट्रेटजिक और 1912 नॉन स्ट्रेजिक हथियार हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि पिछले कुछ साल से रूस अपने परमाणु बल और उसके आधारभूत ढांचे का तेजी से आधुनिकीकरण कर रहा है। रूस ने यूक्रेन और दूसरे यूरोपीय देशों की सीमा पर पहले से ही कई परमाणु ठिकानों को बना रखा हैं। यहां तैनात लॉन्चर्स से परमाणु हथियारों तो तुरंत फायर किया जा सकता है। ऐसा भी दावा किया गया था कि रूस के परमाणु हथियार सोवियत संघ के जमाने के न होकर काफी आधुनिक हैं। दिसंबर 2021 में रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने बताया था कि उसके परमाणु जखीरे में आधुनिक हथियारों और उपकरणों की तादाद 89.1 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इससे पहले साल 2020 में यह 86 प्रतिशत था। Russian Army Weapons: हथियारों के मामले में रूस दुनिया में नंबर 1…अमेरिका से तनाव के बीच पुतिन की हुंकारदुनिया के चार देशों के पास मौजूद हैं एक्टिव परमाणु हथियारएफएसए की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के चार देशों के पास हमले के लिए तैयार परमाणु हथियार हैं। इस सूची में 1800 एक्टिव परमाणु हथियारों के साथ अमेरिका टॉप पर है। दूसरे स्थान पर रूस है, जिसके पास एक्टिव परमाणु हथियारों की संख्या 1600 है। तीसरे स्थान पर फ्रांस और चौथे स्थान पर ब्रिटेन है। अमेरिका ने अपने परमाणु हथियारों को बैलिस्टिक मिसाइलों में लगाकर अलग-अलग तैनात किया हुआ है। अमेरिका के कुल परमाणु हथियारों की संख्या 5550 है, जिसमें से 3800 स्टॉकपीस में रखे गए हैं। इसके अलावा 1750 ऐसे हथियार हैं, जो अपनी उम्र पूरी करने के बाद निष्क्रिय पड़े हुए हैं।