बीजिंग: आर्थिक संकट में घिरे चीन की हालत इस समय शोले फिल्म के अंग्रेजों के जमाने के जेलर की तरह हो गई है जो अपने जासूस की मदद से कई साजिशों का पता लगाता था। आर्थिक मंदी का सामना कर रहा चीन अब हालातों को लेकर दुनिया में फैल रही बातों पर घबरा रहा है। चीन में बिगड़ती आर्थिक स्थिति के बीच, देश पर शासन कर रही कम्युनिस्ट पार्टी अपने आम नागरिकों को भर्ती कर रही है ताकि देश को खतरों से बचाया जा सके। अमेरिका के अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की तरफ से यह जानकारी दी गई है। अखबार के मुताबिक चीन आर्थिक क्षेत्र में बुरे दौर से गुजर रहा है। लेकिन इसके नेता शी जिनपिंग राष्ट्रीय सुरक्षा और पार्टी के नियंत्रण को खतरे से बचाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करते दिख रहे हैं।स्कूलों में शुरू हुआ अभियानअखबार का कहना है कि यह अभियान सतर्कता और घबराहट के बीच की लाइन को धुंधला कर रहा है। अखबार की मानें तो चीन की यूनिवर्सिटीज में पशु चिकित्सा जैसे विभागों में भी देश के रहस्यों की रक्षा से जुड़ा पाठ्यक्रम लेने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है। पूर्वी शहर तियानजिन के एक किंडरगार्टन ने कर्मचारियों को चीन के जासूसी-विरोधी कानून को समझने और उपयोग करने के लिए एक मीटिंग बुलाई थी। चीन का सुरक्षा मंत्रालय, जो सीक्रेट पुलिस और खुफिया सेवाओं की देखरेख करने वाला एक आमतौर पर गुप्त विभाग है, ने भी अपना पहली सोशल मीडिया अकाउंट शुरू किया है।सोशल मीडिया अकाउंटइस अकाउंट के बारे में सरकारी मीडिया का कहना है कि यह सार्वजनिक भागीदारी बढ़ाने का एक प्रयास है। विभाग की पहली पोस्ट कुछ इस तरह से थी, ‘जासूसी के खिलाफ पूरे समाज के आंदोलन का अपील, इसमें कहा गया है,’जनता की भागीदारी का ”सामान्यीकरण’ होना चाहिए।’ राष्ट्रपति जिनपिंग ने मई में नेशनल सिक्योरिटी कमीशन से कहा था, ‘हमें सबसे खराब और चरम स्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए।’ इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से ‘रीयल टाइम विजिलेंस को बढ़ाने’ और ‘वास्तविक लड़ाई के लिए तैयार होने’ की अपील की।जिनपिंग को नियंत्रण खोने का डरअखबार के मुताबिक यह भावना इस बात से और बढ़ सकती है कि चीन कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। यह ऐसी चुनौतियां हैं जो जिनपिंग के एक दशक से कुछ ज्यादा समय पहले से सत्ता संभालने के बाद पैदा हुई हैं। आर्थिक निराशा के अलावा, चीन के पश्चिम के साथ संबंध तेजी से तनावपूर्ण हो रहे हैं। साथ ही सरकार के उच्चतम स्तरों पर भी कुछ दुविधा है। इनमें जुलाई में चीन के विदेश मंत्री और दो उच्च रैंकिंग वाले जनरलों को अचानक हटाना शामिल है। इन बातों से पता चलता है कि जिनपिंग को अपनी नियंत्रण शक्ति खोने खतरा पैदा हो गया है।चीन ने बदला जासूसी कानूनजुलाई में, चीन ने अपने जासूसी-विरोधी कानून में बदलाव किया था। इसका मकसद पहले से ही उन व्यापक गतिविधियों के दायरे को और विस्तृत किया जा सके जिसे चीन जासूसी के रूप में मानता है। अब यह लोगों को जासूसों की सूचना देने के लिए हजारों डॉलर के इनाम की पेशकश कर रहा है। पिछले महीने, अधिकारियों ने कम से कम चार जासूसों को पकड़ने की घोषणा की। इनमें दो जासूस अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी सीआईए के थे। लेकिन कुछ मामलों में पुराने लगते हैं जिन्हें देर से घोषित किया गया था, जैसे कि साल 2019 में गिरफ्तार हुआ एक कपल। इस साल की शुरुआत में भी कहा कि चीन ने एक अमेरिकी नागरिक को जासूसी के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।