मॉन्ट्रियलकनाडा में सोने की खोज कर रहे खनिकों को 29000 साल पहले के हाथी जैसे दिखने वाले विशालकाय जीव मैमथ के कंकाल मिले हैं। इन कंकालों के ऊपर बाल दिखाई दिए हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुराने समय में बर्फीले क्षेत्र में रहने वाले ये विशालकाय जीव इन बालों के सहारे खुद को भीषण ठंड से बचाते थे। ये देखने में किसी विशालकाय हाथी की तरह ही थे। इनके पास लंबी सूंढ और लंबे घुमावदार दांत भी होते थे। एक जगह मैमथ के इतने कंकाल मिलना दुर्लभस्थानीय समाचार पत्र द व्हाइटहॉर्स स्टार के अनुसार, कनाडा के युकोन में सोने के खनिकों के एक दल ने कई मैमथ के कंकालों को खोजा है। युकोन सरकार के प्रमुख जीवाश्म विज्ञानी ग्रांट जाजुला ने इसे सुपर रोमांचक खोज करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस खोज ने कई सवालों को खड़ा किया है, जिसे भविष्य में खोजा जाना अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि एक जगह इतनी बड़ी मात्रा में मैमथ के कंकालों का मिलना वाकई दुर्लभ है।एक ही परिवार के हिस्सा थे सभी मैमथलाइव साइंस के साथ बातचीत में ग्रांट जाजुला ने बताया कि जिस तरह से हड्डियां मिलीं हैं, उससे पता चलता है कि ये सभी मैमथ एक ही परिवार या झुंड का हिस्सा थे। वे शायद लगभग 29000 साल पहले मर गए थे। इनके अवशेष ज्वालमुखी के लावे से बनी चट्टानों में मिले हैं। उन्होंने बताया कि ये हड्डियां चार से पांच मैमथ की हो सकती हैं। इससे हम मैमथ की मौत के कारणों को ढूढने की कोशिश करेंगे।खनिक ने बताया जीवन का सबसे अच्छा दिनइस गोल्ड माइनर्स की टीम ने डॉसन सिटी के पास लिटिल फ्लेक माइन में हड्डियों की खोज की है। इसी जगह पर रियलिटी टीवी शो “गोल्ड रश” फिल्माया गया है। हड्डियों की खोज करने वाले एक खनिक ट्रे चार्ली ने सीबीसी न्यूज को बताया कि यह शायद मेरे द्वारा काम किए गए सबसे अच्छे दिनों में से एक था। इन चीजों को खोजने में बहुत मज़ा आता है। पूरे दिन मैं हड्डियों को उठा रहा था। मैमथ के बारे में जानिएहिमयुग के दौरान ऊनी मैमथ उत्तरी अमेरिका और यूरेशिया में घूमते थे। ये जीव लगभग 10,000 साल पहले विलुप्त हो गए थे। वैज्ञानिकों को अबतक यह नहीं पता है कि उनके विलुप्त होने का कारण क्या था। कई लोग मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन और मानव शिकारियों में वृद्धि इसका कारण थी। उनके सबसे करीबी जीवित रिश्तेदार आधुनिक एशियाई हाथी हैं। इन दोनों में प्रमुख अंतर केवल ऊपरी बनावट में है। मैमथ के पास ठंडे तापमान में जीवित रहने में मदद करने के लिए मोटे, झबरा कोट होते थे जो एशियाई हाथियों के पास नहीं हैं।