वैज्ञानिकों का कहना है कि इतना बड़ा क्रेटर तब बना होगा, जब एक विशाल उल्कापिंड इससे तेजी से टकराया होगा और उसका पदार्थ बहुत सघन रहा होगा। इस क्रेटर की तस्वीर में इसके अंदर छोटे-छोटे क्रेटर दिख रहे हैं। यह तब बने होंगे जब टक्कर के कारण कुछ पदार्थ बाहर निकला होगा और फिर अंदर गिरा होगा। यहां खड़ा होना किसी पहाड़ पर खड़े होने जैसा होगा। (Credit-NASA)