चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने ग्रुप कैप्टन सुमन रॉय चौधरी की बर्खास्तगी के मामले में केंद्र सरकार और वायु सेना के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। दरअसल वायुसेना के अपने हेलीकॉप्टर को मार गिराने के लिए चौधरी को बर्खास्त करने का आदेश दिया गया था। इस अप्रिय घटना में छह भारतीय वायुसेना कर्मियों की मौत हो गई थी। घटना 27 फरवरी, 2019 की है। तब ग्रुप कैप्टन चौधरी श्रीनगर वायु सेना स्टेशन में मुख्य परिचालन अधिकारी थे। दायर याचिका में चौधरी ने हाई कोर्ट से आग्रह किया था कि केंद्र और भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। क्योंकि उन्होंने हाई कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद आदेश पारित किया। 10 अप्रैल को वायुसेना की एक जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम) ने ग्रुप कैप्टन चौधरी को पांच आरोपों में दोषी ठहराते हुए बर्खास्त करने का आदेश दिया था।एयरफोर्स डे पर जवानों का जोश ‘हाई’, देखें विडियोहाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघनमुख्य न्यायाधीश रवि शंकर झा और न्यायमूर्ति अरुण पल्ली की खंडपीठ ने ग्रुप कैप्टन चौधरी की याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया। जिसमें एयरफोर्स अधिकारियों पर 20 मार्च के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले की सुनवाई सोमवार को हाई कोर्ट ने की। ग्रुप कैप्टन चौधरी के वकील कैप्टन संदीप बंसल ने दायर याचिका के जरिए कहा कि 20 मार्च के आदेश के माध्यम से हाई कोर्ट ने अधिकारियों को सभी औपचारिकताओं को पूरा करने और विवेचना की अनुमति दी थी। लेकिन वर्तमान याचिका के निस्तारण तक इंतजार नहीं किया गया। इसके साथ ही हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए जनरल कोर्ट मार्शल ने ग्रुप कैप्टन चौधरी को दोषी ठहराने के बाद बर्खास्तगी का आदेश भी दे दिया।Khalistan Slogan: हरियाणा के सिरसा में एयरफोर्ट स्टेशन की दीवार पर लिखे खालिस्तान के नारे, SFJ ने ली जिम्मेदारीसिर्फ एक ही परीक्षण में कैसे कर दिया बर्खास्तकैप्टन बंसल ने कहा कि जीसीएम की अध्यक्षता करने वाले अधिकारी ने हाई कोर्ट के समक्ष चौधरी के खिलाफ एक याचिकाकर्ता पक्ष है। और यह बात किसी तरीके से समझ नहीं आती है कि वह एक परीक्षण में किसी नतीजे पर कैसे पहुंच सकता है? हाईकोर्ट को बताया गया कि ग्रुप कैप्टन चौधरी को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। उन्होंने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण, चंडीगढ़ के समक्ष एक आवेदन दायर किया था। जिसमें विभिन्न राहतों का दावा किया गया था। उस चरण में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के संयोजन आदेश की आपूर्ति भी शामिल थी।बालाकोट एयरस्ट्राइक: अपना ही हेलिकॉप्टर गिराने वाले ग्रुप कैप्टन को बर्खास्त करने की सिफारिश, जानें पूरा मामलाएएफटी ने जीसीएम की कार्यवाही पर रोक लगा दी। इस पर केंद्र सरकार ने उक्त आदेश को चुनौती देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसके बाद हाई कोर्ट ने 5 जुलाई, 2022 के अंतरिम आदेश के तहत उसे जीसीएम की कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी। हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि कोई अंतिम आदेश पारित नहीं किया जाएगा। फिर से अपने 20 मार्च के आदेश में HC ने GCM को अपने निष्कर्ष देना जारी रखने की अनुमति दी थी। लेकिन मुख्य मामले में हाई कोर्ट के निर्णय तक निष्कर्षों को प्रभावी नहीं करने की अनुमति दी थी। मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 सितंबर तय की गई है।