अमित मालवीय के ट्वीट पर क्यों मचा बवाल, लोग बोले- देशभक्त को बदनाम करने पर देश से मांगें माफी – mizoram bombing amit malviya tweet controversy people said sachin pilot file fir

नई दिल्ली: क्या मिजोरम की राजधानी आइजॉल पर बम गिराने वाले एक प्लेन को राजेश पायलट चला रहे थे? बीजेपी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय के ऐसे दावे पर अब उनकी किरकिरी हो रही है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने लिखा है कि गलत तरीके से किसी की भूमिका बताना गंभीर बात है। अगर राजेश पायलट ने कुछ किया हो तब भी उन्होंने एक सैनिक के तौर पर किया था, कांग्रेसी के तौर पर नहीं। किसी पर इस तरह से व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाने चाहिए। कुछ लोगों ने सचिन पायलट को केस दर्ज कराने का भी सुझाव दे दिया। रवि कुमार जैन ने लिखा, ‘अमित मालवीय को बताओ भाई कि फेक न्यूज फैलाने पर 3 साल की सजा हो गई है।’ अभिषेक, इमरान अंसारी समेत कई पायलट समर्थकों ने FIR दर्ज करने की मांग की है। दरअसल, पूरा विवाद अमित मालवीय के उस दावे से शुरू हुआ जिसमें उन्होंने कहा था, ‘राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइज़वाल पर बम गिराए।हां, मेरे पिता ने बमबारी की थी लेकिन…भाजपा नेता ने कहा कि बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने। मालवीय के इस दावे पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने पलटवार किया। उन्होंने लिखा कि भारतीय वायुसेना के पायलट के तौर पर मेरे पिता ने बमबारी की थी लेकिन वह 1971 की लड़ाई में पूर्वी पाकिस्तान में की थी, मिजोरम में नहीं जहां आप दावा कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि तथ्य और तारीखें गलत हैं क्योंकि मेरे पिता को उसी साल अक्टूबर में वायु सेना में नियुक्त किया गया था। पायलट ने ‘एक्स’ पर अपने पिता के 29 अक्टूबर 1966 को भारतीय वायु सेना में भर्ती होने का प्रमाण भी साझा किया।अमित मालवीय ने लिखा था, ‘स्पष्ट है कि नॉर्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया।’ अब सचिन पायलट ने बताया है कि स्व. राजेश पायलट 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे। यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिज़ोरम में बमबारी की थी काल्पनिक और तथ्यहीन है और पूरी तरह से भ्रामक है। भाजपा को जवाब देते हुए सचिन ने कहा कि हां, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिज़ोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थायी शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं, जय हिंद।लोगों की मांग, माफी मांगें मालवीयभारत राज चौधरी ने एक्स पर लिखा, ‘अमित मालवीय को अपने इस झूठ के लिए पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए। बीजेपी का काम ही सिर्फ़ झूठ बोलना है। स्व. राजेश पायलट जी सच्चे देशभक्त थे जिन्होंने पाकिस्तान में जाकर बम गिराए। ऐसे महान देशभक्त के लिए इस तरीके का झूठ फैलाने के लिए पूरी पार्टी देश से माफ़ी मांगे।’अशोक शेखावत ने यहां तक कह दिया कि बीजेपी स्व. राजेश पायलट पर इस प्रकार का झूठा आरोप लगाकर उन्हें बदनाम कर रही है। बीजेपी एक प्रकार से भारत को बदनाम कर रही है। यह बहुत शर्मनाक और निंदनीय है!कहां से शुरू हुआ विवाददरअसल, कुछ पत्रकारों ने मिजोरम बमबारी पर अपने लेख में कलमाड़ी और पायलट को लेकर ऐसा दावा किया था। बाद में कुछ किताबों में भी इसका जिक्र हुआ। कई एक्स यूजर्स ने भी इस बात का जिक्र किया है।पिछले दिनों जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1966 में इंदिरा सरकार के मिजोरम में वायुसेना के जरिए बमबारी कराने की बात कही तो इस पर बहस होने लगी। पीएम ने कहा कि 5 मार्च 1966 को निर्दोष लोगों पर बम गिराए गए थे। उस समय इंदिरा गांधी की सरकार थी। आज भी 5 मार्च को मिजोरम के लोग शोक मनाते हैं। पीएम ने कहा कि इस सच्चाई को देश से छिपाया गया था। हालांकि कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि 1966 में Mizo National Front के बाग़ी आइज़ॉल पर कब्ज़ा कर चुके थे। उन्हें भगाने के लिए भारतीय वायु सेना से बमबारी कराना ज़रूरी हो गया था। बमबारी की वजह से MNF के बाग़ी भाग खड़े हुए उर फिर से भारत का आधिपत्य जमा।