भारतीय न्याय संहिता विधेयक पर राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ‘मैं जानना चाहता हूं कि गृह मंत्री किस मंशा से यह कानून लेकर आये, क्या उन्होंने बिल देखा भी है?’ सिब्बल ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता विधेयक ‘राजनीतिक उद्देश्यों के लिए पुलिस की दमनकारी शक्तियों’ का इस्तेमाल करने की अनुमति देता है। सिब्बल ने यह भी दावा किया कि इस तरह के कानून लाने के पीछे सरकार का एजेंडा ‘विरोधियों को खामोश’ करने का है। आपराधिक कानूनों में आमूल-चूल बदलाव करने के लिए केंद्र ने शुक्रवार को आईपीसी, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने के लिए लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए, जिनमें अन्य चीजों के अलावा, राजद्रोह कानून को निरस्त करने तथा अपराध की एक व्यापक परिभाषा के साथ एक नया प्रावधान पेश करने का प्रस्ताव है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023; सीआरपीसी की जगह लेने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023; और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 पेश किया। भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, इंडियन एविडेंस एक्ट (भारतीय साक्ष्य अधिनियम) की जगह लेगा। देखें कपिल सिब्बल का वीडियोCurated byदीपक वर्मा|TimesXP Hindi|13 Aug 2023TimesXP HindiNewsKapil Sibal On Bharatiya Nyaya Sanhita Bill Has Amit Shah Even Seen It Watch Video