अमीरी की चाहत रह जाएगी धरी की धरी… नूंह ने भारत के लिए क्‍यों दी है बड़ी चेतावनी?

सागारिका घोष का लेख: गुरुग्राम और नूंह। दोनों हरियाणा में हैं। लेकिन, सूरत-ए-हाल बिल्‍कुल अलग। गुरुग्राम को ‘मिलिनियम सिटी’ कहते हैं। चमकदार मॉल, गगनचुंबी इमारतें, युवाओं को लुभाने वाली बहुराष्‍ट्रीय कंपनियां, स्‍टार्टअप और राष्‍ट्रीय औसत के मुकाबले लोगों की ज्‍यादा इनकम इसकी पहचान हैं। गुरुग्राम से सिर्फ 60 किमी की दूरी पर नूंह है। यह हरियाणा के सबसे गरीब जिलों में है। नूंह की 40 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे रहती है। नीति आयोग के नेशनल मल्‍टीडायमेंशनल पावर्टी इंडेक्‍स 2023 के आंकड़े यह बात कहते हैं। ऐसी स्थिति में लोगों के साम्‍प्रदायिकता और अपराधीकरण के जहर पीने का खतरा हमेशा रहता है।नूंह के हालिया दंगों ने आधुनिकता की सीमाओं को दिखाया है। इस आधुनिकता का पैमाना मोबाइल फोन और अन्‍य चमकदार गैजट हैं। देश में 80 करोड़ स्‍मार्टफोन यूजर हैं। लेकिन, नूंह जैसे इलाकों में रहने वाले इनमें से कितने मोबाइल के लती अपने बच्‍चों को अच्‍छे स्‍कूलों में पढ़ने भेजते हैं? भौतिक विकास की चाहत में सब दौड़ रहे हैं। लेकिन, बगैर सामाजिक ताने-बाने, न्‍याय-व्‍यवस्‍था और स्‍वास्‍थ्‍य-शिक्षा के किसी भी समय यह सब खत्‍म हो सकता है। नूंह की हिंसा ने यह दिखाया है। इसका असर गुरुग्राम तक देखने को मिला।Nuh Violence Reason: ब्रजमंडल यात्रा, मोनू मानेसर के शामिल होने की अफवाह… हरियाणा के नूंह में क्यों भड़की हिंसा?उस घटना के बाद से सुलग रहा था नूंहसमुदायों के बीच रिश्‍ते नाजुक होते हैं। फरवरी में राजस्‍थान के जुनैद और नासिर को गोरक्षकों ने कथित तौर पर जला दिया था। उन्‍हें शक था कि ये दोनों पशुओं की तस्‍करी कर रहे हैं। मई में 21 लोगों को एफआईआर में नामजद किया गया। इनमें बजरंग दल का मोनू मानेसर शामिल था। तभी से हरियाणा-राजस्‍थान सीमा पर नूंह में तनाव था। फिर सोशल मीडियो पर शेयर होने वाले भड़काऊ वीडियो ने स्थिति और बिगाड़ दी।हिंसा को भड़काने वाले वीडियो सिर्फ नूंह तक सीमित नहीं हैं। जून में कोल्‍हापुर कई दिनों तक हिंसा की आग में जला था। तब इसका कारण औरंगजेब और टीपू सुल्‍तान का महिमामंडन करना था। इसके बाद तनाव महाराष्‍ट्र के दूसरे जिलों में भी फैल गया था। जुलाई में गुजरात के पाटन जिले में फिल्‍म ‘केरला स्‍टोरी’ की तारीफ करने को लेकर झड़प हुई थी।मोनू मानेसर की तलाश करे राजस्थान पुलिस… मदद हम करेंगे, गहलोत सरकार को खट्टर की ‘गुगली’!मोनू मानेसर कैसे खुला घूम रहा है?एक तरफ भड़काया जाता है तो दूसरी तरफ माफी का खेल चलता है। बेशक नूंह में तबलीगी का बढ़ना चिंता की बात है। लेकिन, उतना ही सच यह भी है कि मोनू मानेसर खुलेआम घूम रहा है। वह मानू मानेसर जिसे जुनैद-नासिर पर हुए हमलों में नामजद किया गया है। इससे भी बड़ी बात यह है कि वह सोशल मीडिया पर ऐक्टिव है और खुलकर इंटरव्‍यू दे रहा है। जब अन्‍याय को कानून से सजा नहीं मिलती है, जब पुलिस पक्ष लेती है, जब किसी तरह की मध्‍यस्‍थता का रास्‍ता नहीं निकाला जाता है तब सिर्फ बदले की ओर चीजें जाती हैं।भारत ने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बनने का लक्ष्‍य रखा है। हम दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्‍यवस्‍था होने का दम भरते हैं। लेकिन, यह भी उतना ही जरूरी है कि हम उतनी ही रफ्तार से नफरत को फैलने से रोकें। जब एक नागरिक देश के दूसरे नागरिक के खिलाफ खड़ा हो जाता है तब अर्थव्‍यवथा में हासिल सभी उपलब्धियों के लिए खतरा पैदा होने लगता है। नए भारत का चेहरा धार्मिक संघर्षों में जकड़े पुराने तरीके का नहीं होना चाहिए। सड़कें और फ्लाईओवर बनाने से ग्रोथ का हॉर्ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर तैयार होगा। लेकिन, बिना शिक्षा, संवाद और पोलिसिंग के इस ग्रोथ के क्‍या मायने हैं? नूंह की हिंसा हम सभी के लिए चेतावनी होनी चाहिए।