इस वीडियो से सीखिए, स्नैचर बैग ले जा रहा था और कार वाले ने वो किया जो सबको करना चाहिए – a car driver teaches lesson to a thief why every one should watch this video

नई दिल्ली: इस वीडियो की तारीख नामालूम। इस वीडियो का समय नामालूम। हां ये वीडियो जरूर हमें कुछ बता रही है। चलिए आपको पूरी बात से वाकिफ कराते हैं। दरअसल, ये वीडियो तीन लोगों के बीच का है। एक पीड़ित है। एक विलेन है और एक हीरो है।तो चलिए वीडियो की कहानी शुरू करते हैं। फ्रेम-1 में एक महिला कंधे पर बैग टांगकर फुटपाथ पर पैदल चल रही है। फ्रेम-2 में मोटरसाइकिल पर सवार एक शख्स पीछे से आता दिखता है।अब दृश्य दो जानिए। महिला को कुछ शक होता है। वह फुटपाथ से नीचे उतरकर भागती है। बाइक सवार मोटरसाइकिल रोककर महिला का पीछा कर उसके पास से बैग छीनने की कोशिश कर रहा है। महिला पूरा प्रतिरोध कर रही है।दृश्य 3- तभी पीछे से सफेद कलर की कार की एंट्री होती है। कार शुरू में तो सीधा जाता दिख रहा है। इस बीच झपटमार महिला से बैग छीनने में कामयाब हो जाता है। वह बैग लेकर अपनी मोटरसाइकिल पर बैठने को भागता है। वह बैठ भी जाता है।यहीं से पूरा मामले में मोड़ आता है। या यों कहें कि क्लाइमेक्स आता है। सफेद कलर की कार झपटमार को टक्कर मारना शुरू कर देता है। पहली टक्कर में बाइक सवार गिर जाता है। इसके बाद कार बैग गियर में पीछे जाती है। इधर बाइक सवार मोटरसाइकिल उठाता है। सफेद कलर की कार उसे फिर से टक्कर मारता है। कार ने झपटमार को तीसरी बार टक्कर मारी।फिर कार आगे जाती है। इस बीच झपटमार महिला का बैग छोड़कर भागने की कोशिश करता है। उधर, महिला भागकर आती है और अपना बैग उठा लेती है। कार की बार-बार की टक्कर से घबराकर झपटमार भागने लगता है। लेकिन सफेद कार उसका पीछा नहीं छोड़ रही है। चालक ने बैग गियर में बाइक सवार का पीछा किया। फिर कुछ देर बाद कार और बाइक कैमरे के की आंखों से ओझल हो जाते हैं।ये थी पूरी कहानी। पर इससे सीख क्या मिलती है? आम तौर पर झटपमारी के दौरान देश में लोग इस तरह का हिम्मत वाला काम नहीं कर पाते हैं। दिल्ली में ही आंखों के सामने जान ले ली जाती है पर आसपास से गुजर रहे लोग चूं तक नहीं बोलते हैं। उल्टे वीडियो बनाने में लगे रहते हैं। लेकिन विदेश का यह वीडियो हम सबको सीख देता है कि अगर हम हिम्मत कर लें तो कुछ भी हो सकता है। खास तौर पर झपटमारों को सबक तो सिखाया ही जा सकता है। ये वीडियो हमें सीख देता है कि अगर थोड़ी हिम्मत हो तो अपराध की कुछ घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है।