उपचुनाव का संदेश – by-election 2023 result message

छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर मंगलवार को हुए उपचुनावों के नतीजों पर खास ध्यान दिया जा रहा था तो उसके पीछे सबसे बड़ी वजह थी इसकी टाइमिंग। यह विपक्ष का I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद होने वाला पहला चुनावी टकराव था। इसका क्षेत्र भी बड़ा व्यापक था। उत्तर के झारखंड, यूपी और उत्तराखंड से लेकर पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और दक्षिण के केरल तक की सीटों पर मुकाबला हुआ। दूसरी बात यह कि ये उपचुनाव पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और फिर लोकसभा चुनावों से ठीक पहले हुए थे। बहरहाल, संख्या के लिहाज से देखा जाए तो इन चुनाव नतीजों को मिला-जुला ही कहना होगा। सात सीटों में से तीन बीजेपी के खाते में गईं और चार विपक्षी दलों में से किसी न किसी के हिस्से में। लेकिन भूलना नहीं चाहिए कि केरल (पुतुपल्ली) में बीजेपी मुकाबले में ही नहीं थी। वहां टक्कर कांग्रेस की अगुआई वाली UDF और LDF के बीच था जिसमें कांग्रेस-UDF ने बाजी मारी। ऐसे देखें तो स्कोरकार्ड तीन-तीन का बनता है। त्रिपुरा की दोनों सीटों पर बीजेपी की भारी जीत बताती है कि वहां लेफ्ट पार्टियों के लिए आगे की राह सचमुच मुश्किल है। हालांकि लेफ्ट पार्टियों ने वहां चुनावी धांधली के आरोप लगाते हुए मतगणना का बहिष्कार कर रखा था।लेकिन इस बारे में जब तक विश्वसनीय जांच से कुछ स्थापित नहीं होता, तब तक सिर्फ आरोप के बिना पर कोई नतीजा नहीं निकाला जा सकता। पश्चिम बंगाल (धुपगुड़ी) में विपक्ष का कोई साझा उम्मीदवार नहीं था। तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के अलावा वहां लेफ्ट पार्टियों का भी एक प्रत्याशी था, जिसे कांग्रेस ने समर्थन दिया था। जीत तृणमूल कांग्रेस को मिली और निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी का रहा। बीजेपी यह कहकर खुश हो सकती थी कि वहां तृणमूल के मुकाबले में वही है और उसने कांग्रेस व लेफ्ट को पीछे धकेल दिया है। लेकिन चूंकि अब लोकसभा चुनावों के लिहाज से लेफ्ट दल, कांग्रेस और तृणमूल- सभी एक ही पाले में खड़े नजर आ रहे हैं तो बीजेपी के लिए यह दिलासा काफी नहीं होगा। फिर भी अगर I.N.D.I.A गठबंधन के नजरिए से देखें तो झारखंड की डुमरी और यूपी की घोसी, ये दोनों सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण सीटें कही जाएंगी। डुमरी में हालांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का मुकाबला ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (AJSU) से था लेकिन JMM प्रत्याशी को I.N.D.I.A गठबंधन का समर्थन हासिल था। घोसी की अहमियत इस बात में थी कि वहां समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ विपक्षी खेमे के किसी भी दल ने उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था। ऐसे में झारखंड के डुमरी में JMM और यूपी के घोसी में समाजवादी पार्टी की जीत के खास मायने हो जाते हैं। जाहिर है, बीजेपी I.N.D.I.A गठबंधन को हलके में लेने का जोखिम नहीं उठा सकती।एनबीटी डेस्क के बारे मेंNavbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐपलेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें