नई दिल्ली: राज्यसभा में आज औरंगजेब का जिक्र हुआ। भाजपा सांसद बृजलाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरी अनुसूचित जाति में आते हैं। इनका पेशा कपड़ा बुनना रहा है। औरंगजेब के समय में इन्हें अपना कपड़ा बुनने का पेशा छोड़ने या धर्मांतरण कर इस्लाम स्वीकार करने का विकल्प दिया गया। जो लोग कोरी जाति से धर्मांतरित हुए, उन्हें जुलाहा कहा गया, जो अपने को अंसारी कहते हैं। अब भी इनके पास कपड़े का व्यवसाय है। कोरी जाति के लोगों के पास न कपड़ा बुनने का पेशा रहा, न खेती की जमीन।उन्होंने कहा कि पश्चिमी यूपी के मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर मंडल में कोरी जाति के लोगों को जुलाहा कहा जाता है। हिंदू जोलहा कहा जाता है। यूपी में 23-24 साल पहले इन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र देना बंद कर दिया गया। उसका कारण बताया गया कि सरकार की अधिसूचना में केवल कोरी जाति अंकित है।बृजलाल ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब में इस जाति के लोग अपने को कोरी के अलावा कोली भी लिखते हैं और उस राज्य की अधिसूचना में अनसूचित जाति का प्रमाण पत्र दिया जाता है। यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार ने कैबिनेट से पास कराकर 9 मार्च 2021 को सामाजिक और अधिकारिता मंत्रालय को भेजा है कि कोरी, कोली और हिंदू जुलाहा एक हैं। इन्हें अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखा जाए और प्रमाण पत्र दिया जाए। मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस पर जल्द निर्णय लेकर कोरी और हिंदू जोलहा को भी अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखा जाए।