कपिल सिब्‍बल की दलीलें और CJI चंद्रचूड़ के सवाल, 370 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की 10 बड़ी बातें – supreme court hearing on article 370 what kapil sibal said to queries by cji dy chandrachud top 10 updates

अनुच्छेद 370 और संविधान सभा का पेचसीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना एक ‘राजनीतिक फैसला’ था। उन्होंने कहा कि ऐसा फैसला सरकार ले सकती है मगर उसका रास्ता संसद नहीं हो सकती। सिब्बल ने कहा, ‘अगर आप अनुच्छेद 370 को निरस्त करना चाहते हैं, तो आपको संविधान सभा से सिफारिश लेनी होगी।’ इसपर सीजेआई ने कहा कि ‘जब तक यह अस्तित्व में थी’। सिब्बल ने कहा कि संविधान सभा ने जम्मू-कश्मीर के लिए संविधान तैयार करने के बाद अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था।CJI ने सिब्बल से पूछा, ‘किस मामले में, अनुच्छेद 370, जो एक अस्थायी प्रावधान है, इस तथ्य के आधार पर स्थायी प्रावधान का चरित्र ग्रहण करता है कि वहां कोई संविधान सभा नहीं है।’ वकील ने जवाब में कहा, ‘बिलकुल’। सिब्बल ने कहा कि कोई भी संसद खुद को संविधान सभा में परिवर्तित नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘संसद को ऐसी शक्ति कहां से और किन प्रावधानों के तहत मिलती है? वहां एक अनूठी संरचना थी जिसे 5 अगस्त, 2019 को बदल दिया गया और अनुच्छेद 370 को खिड़की से बाहर फेंक दिया गया।’संविधान सभा का कार्यकाल खत्‍म हो गया, अब क्‍या?CJI ने सिब्बल से पूछा, ‘क्या होता है जब संविधान सभा का कार्यकाल समाप्त हो जाता है? किसी भी संविधान सभा का कार्यकाल अनिश्चित नहीं हो सकता है। अनुच्छेद 370 के खंड (3) का प्रावधान राज्य की संविधान सभा की सिफारिश को संदर्भित करता है, और यह कहता है कि राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने से पहले संविधान सभा की सिफारिश आवश्यक है। लेकिन सवाल यह है कि जब संविधान सभा का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा तो क्या होगा?’ सिब्बल ने जवाब में कहा कि यह बिल्कुल उनका पॉइंट है और उनका पूरा मामला इस बारे में है कि राष्ट्रपति संविधान सभा की सिफारिश के बिना अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं कर सकते।जस्टिस गवई ने दखल देते हुए सिब्‍बल से पूछा कि क्या यह तर्क दिया जा रहा है कि 1957 के बाद अनुच्छेद 370 के बारे में कुछ नहीं किया जा सकता था, जब जम्मू कश्मीर संविधान सभा का कार्यकाल समाप्त हो गया था। सिब्बल ने कहा कि अदालत वर्तमान में एक संवैधानिक प्रावधान की व्याख्या कर रही है। वह यहां उस प्रक्रिया को वैध बनाने के लिए नहीं है जो संविधान के लिए अज्ञात है।आर्टिकल 370: सुप्रीम कोर्ट में कब-कब सुनवाईबुधवार को सुनवाई बेनतीजा रही। आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी। लाइव अपडेट यहां देखें​सुप्रीम कोर्ट इस मामले में रोजाना सुनवाई कर रहा है। सोमवार तथा शुक्रवार को छोड़कर बाकी दिन दलीलें सुनी जाएंगी। सोमवार और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट अन्‍य मामलों पर सुनवाई करता है। इन दिनों में केवल नयी याचिकाओं पर ही सुनवाई की जाती है और नियमित मामलों की सुनवाई नहीं की जाती है।केवल सुप्रीम कोर्ट से ही उम्मीद है: महबूबा मुफ्तीपीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट देश में एकमात्र ऐसी संस्था बची है, जो यह सुनिश्चित कर सकती है कि भारत अपने संविधान के अनुसार शासित हो। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू होने के बीच महबूबा की यह टिप्पणी आई। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पूरी दुनिया अनुच्छेद 370 पर उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही देख रही है। जम्मू-कश्मीर ने मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद, धर्म के आधार पर द्विराष्ट्र के सिद्धांत को खारिज कर दिया और भारत में शामिल हुआ। हमें संविधान के तहत आश्वासन दिया गया था। ये गारंटी चीन, पाकिस्तान या किसी पड़ोसी देश द्वारा नहीं दी गई थीं।’अनुच्छेद 370 की याचिकाओं पर पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि शीर्ष अदालत को संविधान और भाजपा के एजेंडे के बीच फैसला करना है। उन्होंने कहा, ‘शीर्ष अदालत को यह तय करना होगा कि यह देश भारत के संविधान के अनुसार चलेगा या भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे के अनुसार।’