नई दिल्ली : एक देश एक चुनाव के लिए केंद्र सरकार ने एक कमिटी बनाई है। उसे इसका परीक्षण कर सिफारिश देने को कहा गया है। संवैधानिक जानकार और एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह मामला जटिल है। इसके लिए संविधान संशोधन करना पड़ेगा और कई नए प्रावधान करने होंगे। हालांकि, उनका कहना है कि संसद को इस मामले में कानून बनाने का पूरा अख्तियार है।केंद्र ने कमिटी से क्या सुझाव मांगे-केंद्र सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय हित के मद्देनजर सरकार ने एकसाथ चुनाव कराए जाने को लेकर एक हाई लेवल कमिटी बनाई है। कमिटी से कहा गया है कि लोकसभा और देशभर के विधानसभा, म्युनिसिपल और पंचायत चुनाव को एकसाथ कराए जाने के मामले का परीक्षण करे और सिफारिश दे।-कमिटी से कहा गया है कि एकसाथ चुनाव कराने जाने के लिए संबंधित संवैधानिक फ्रेमवर्क को देखा जाए और उसके तहत जो भी विधायी प्रावधान हैं इसके मद्देनजर परीक्षण किया जाए और सिफारिश की जाए। बताया जाए कि क्या-क्या संवैधानिक बदलाव की जरूरत है।-यह भी पूछा गया है कि जनप्रतिनिधित्व कानून में क्या बदलाव की जरूरत है? कमिटी से कहा गया है कि एकसाथ चुनाव के लिए अगर किसी और कानून में भी बदलाव की जरूरत है तो उस बारे में सुझाव दिया जाए।-इसके अलावा हाई लेवल कमिटी से यह भी परीक्षण और सिफारिश करने को कहा गया है कि अगर चुनाव के बाद किसी को बहुमत नहीं मिला, अविश्वास प्रस्ताव हुआ या दल-बदल की स्थिति हुई तो फिर क्या स्थिति बनेगी।-एकसाथ चुनाव कराए जाने में कितना वक्त लगेगा और कितने फेज में यह हो सकता है।-इसके अलावा कमिटी को यह भी बताने को कहा गया है कि एकसाथ चुनाव की स्थिति में एक बार में साइकल कैसे पूरा होगा? इसके लिए क्या सेफगार्ड चाहिए इस पर भी सुझाव मांगा गया है।-चुनावी साइकल डिस्टर्ब न हो इसके लिए क्या संवैधानिक बदलाव हो सकता है यह भी सिफारिश करने को कहा गया है। साथ ही कितना मैन पावर लगेगा, क्या लॉजिस्टिक सपोर्ट चाहिए, कितने EVM और कितने VVPAT चाहिए इसके बारे में भी परीक्षण कर बताने को कहा गया है।-एक मतदाता सूची, एक आई कार्ड का इस्तेमाल कर लोकसभा, विधानसभा और पंचायत आदि के चुनाव में मतदाता भाग ले सकें इसके बारे में भी सुझाव मांगे गए हैं।एक्सपर्ट्स की क्या है राय-एक देश एक चुनाव संभव है और इसके लिए केंद्र सरकार को संवैधानिक बदलाव करने होंगे। रोडमैप तैयार करना होगा। एक्सपर्ट्स यह भी मानते हैं कि काम काफी जटिल है, लेकिन असंभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट एम. एल. लाहौटी कहते हैं कि संविधान के चैप्टर 15 और अनुच्छेद-326 और 327 में संसद को यह अधिकार है कि वह लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ कराए जाने को लेकर कानून बना सकती है। साथ ही जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत चुनाव आयोग को तय करना है कि चुनाव कब और कैसे कितने फेज में होगा। साथ ही कई संवैधानिक संशोधन करने होंगे। अनुच्छेद- 83 (2), 85 (2) बी, 172 (1), 174 (4) आदि में संशोधन करने होंगे।-अनुच्छेद- 83 (2) लोकसभा का टर्म पांच साल से ज्यादा न होने और पहले खत्म करने की बात करता है। अनुच्छेद- 85 (2) बी सदन भंग करने और नए सदन की बात करता है। 172 (1) राज्य विधानसभा पहले भंग करने या फिर पांच साल का कार्यकाल और 174 (4) बी गवर्नर का विधानसभा भंग करने के अधिकार के बारे में बात करता है। संविधान संशोधन के लिए लोकसभा और राज्य सभा में दो तिहाई बहुमत चाहिए साथ ही देश के आधे राज्य से इसकी संपुष्टि चाहिए।-पूर्व अडिशनल सॉलिसिटर जनरल और सीनियर एडवोकेट अमन लेखी बताते हैं कि यह सब जल्दीबाजी का मामला नहीं है बल्कि इसके लिए रोडमैप तैयार करने में वक्त लगेगा। संविधान संशोधन और कानून बनाया जा सकता है इस पर कोई रोक नहीं है लेकिन उसे ग्राउंड लेवल पर प्रायोगित तौर पर लागू करना कठिन काम है। इसे ग्राउंड पर कैसे उतारा जाएगा यह सवाल है।-एक देश एक चुनाव के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में पिटिशन दायर करने वाले एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय बताते हैं कि संविधान लोगों के लिए बनाया गया है। देश में सालों भर चुनाव होते रहते हैं। उसे एकसाथ कराए जाने से संसाधन की बचत होगी। दुनिया के 48 देशों में एकसाथ चुनाव होते हैं। चुनाव की तारीख भी तय है।पांच साल का साइकल कैसे होगा पूरा?आजादी के बाद चार बार साल 1952, 57, 62 और 67 में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ ही हुए थे। एक्सपर्ट्स की मानें तो यह संभव है, लेकिन संविधान संशोधन की जरूरत पड़ेगी। हालांकि, कमिटी इस मामले में परीक्षण के बाद क्या-क्या संशोधन की सिफारिश करती है यह तो आने वाला वक्त बताएगा। मगर, कुछ सवाल चर्चा में हैं कि पांच साल का साइकल कैसे पूरा होगा? अगर, कोई विधानसभा या लोकसभा किसी कारण से भंग हुई तो उस गैप को कैसे भरा जाएगा? क्या उसके लिए अंतरिम चुनाव की व्यवस्था होगी? क्या संविधान संशोधन के जरिए उन सवालों का जवाब तलाश लिया जाएगा। यह सब बहस और परीक्षण का विषय है ऐसे में कमिटी जब मामले में सिफारिश देगी तो तस्वीर साफ हो पाएगी।