कैसे निर्मला सीतारमण ने अविश्वास प्रस्ताव के मौके पर ‘बजट भाषण’ जैसा चौका लगाया, कांग्रेस सांसद सुनते रहे – nirmala sitharaman speech attacks congress government with examples lok sabha

नई दिल्ली: पीएम मोदी के भाषण से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में बोलीं। वैसे तो उन्हें अविश्वास प्रस्ताव पर बोलना था, सरकार के समर्थन में भाषण देना था लेकिन वह एक कदम आगे जाकर मौके पर चौका लगाया। हां, उन्होंने मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड सामने रखते हुए कांग्रेस की पिछली सरकारों पर निशाना साधा। कई बार तंज कसा और फर्क बतलाया। कांग्रेस पार्टी के सांसद बस देखते रहे। वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीए की सरकार में होगा, बनेगा, करेंगे की बातें होती थी जबकि एनडीए की सरकार में हो गया, बन गया, आ गई की बातें होती हैं। निर्मला ने कहा कि हम 6 दशक से सुनते आ रहे थे गरीबी हटाओ। हटाया गया क्या? नहीं। अभी हम देख रहे हैं कि गरीबी में कमी आई है। UPA सरकार एक पोस्टडेटेड चेक देती थी लेकिन मोदी सरकार ऐसा नहीं कर रही है। ये बदलाव कैसे हुआ। ये बदलाव हमारे प्रशासन में बदलाव के जरिए हुआ। बनेगा, मिलेगा ये सब हो गया। अब जनता क्या उपयोग कर रही है, बन गए, मिल गए और आ गए। यही शब्दावली हो गई। UPA के समय बिजली आएगी, अभी आ गई, गैस कनेक्शन मिलेगा, अभी मिल गया, वाटर कनेक्शन मिलेगा, अभी मिल गया। पीएम आवास बनेगा, अभी पीएम आवास बन गया। टॉयलेट बनेगा नहीं अब टॉयलेट बन गया। गांव में सड़क बनेगी, गांव में सड़क बन गई। हाइवे बनेगा, अब बन गया। पुल बनेगा कहते थे अब बन गया। एयरपोर्ट बनेगा कहते थे अब बन गया, बैंक अकाउंट खुलेगा कहते थे, अब खुल गया। बीच-बीच में मोदी-मोदी के नारे गूंजे।वास्तव में डिलिवरी से बदलाव होता है न कि सपने दिखाने से। आप (कांग्रेस सरकार) जनता को सपने दिखाते थे और हम जनता के सपने साकार करते हैं। हम सभी के सशक्तीकरण में यकीन करते हैं।निर्मला सीतारमण, लोकसभा मेंवित्त मंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया में आर्थिक क्षेत्र में संकट का समय है। मैं उदाहरण के लिए जो विदेश में चल रहा हूं, उसे आपके सामने पहले रख रही हूं। उसके बाद देश की बात करूंगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2022 में केवल 3 प्रतिशत का ग्रोथ दिखा। वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि 2023 में ग्लोबल ग्रोथ घटकर 2.1 प्रतिशत रहेगी। विकसित देशों का भी मैं उदाहरण देना चाहूंगी। यूके मुश्किल दौर से गुजर रहा है। बैंक ऑफ इंग्लैंड लगातार 14 बार ब्याज दर बढ़ा चुका है। आज यह 15 साल में सबसे ज्यादा है। यूरो जोन भी संकट में है।उन्होंने कहा कि यूरोपियन सेंट्रल बैंक भी लगातार 9 बार रेट बढ़ा चुका है। यह 23 साल में सबसे ऊपर है। यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी भी संकट में है। IMF का अनुमान है कि जर्मनी में इकॉनमी 0.3 प्रतिशत तक 2023 में गिर सकती है। मैं बड़े देशों की अर्थव्यवस्था से देश की तुलना नहीं कर रही हूं लेकिन दुनिया में जो चुनौतियां हैं और उसके कारण चीन जैसी मजबूत अर्थव्यवस्था भी हिली हुई है।निर्मला ने कहा कि चीन, यूरो जोन, यूके और अमेरिका में खलबली के मद्देनजर मैं कहना चाहती हूं कि भारत के इकॉनमी के हालात को समझना चाहिए। 2013 में मॉर्गन स्टैनली ने दुनिया की 5 नाजुक इकॉनमी में भारत को कहा था। उसी एजेंसी ने आज भारत को बड़ी रेटिंग दी है। 9 साल में नाजुक अर्थव्यवस्था को आर्थिक सुधार के चलते हम तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाए हैं। 2022-23 में हमारी जीडीपी ग्रोथ 7.2 प्रतिशत रही। यह आगे 6.5 प्रतिशत होने का अनुमान है। कई एजेंसियां ऐसा अनुमान लगा रही हैं। 2014 से पीएम मोदी ने पॉलिसी को इतना सुधारा कि कोविड संकट को भी पारकर तेजी से रिकवरी कर रहे हैं।