नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच क्या दिल्ली में सीटों को लेकर बात बनेगी? एक बार फिर इसको लेकर दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच खींचतान शुरू हो गई है। इसकी शुरुआत हुई आज यानी बुधवार कांग्रेस की हुई एक बैठक के बाद। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल मौजूद रहे। इस बैठक के बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा की ओर से कहा गया कि पार्टी की ओर से सभी सात सीटों पर तैयारी शुरू करने की बात कही गई। कांग्रेस नेता के इस बयान के बाद आम आदमी पार्टी की ओर से भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि जब कांग्रेस ने फैसला कर लिया है तब मुंबई में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में हमारी पार्टी के शामिल होने का कोई मतलब नहीं। बात बढ़ी तब कांग्रेस की ओर से सफाई दी गई कि ऐसी कोई चर्चा हुई ही नहीं और अलका लांबा के बयान को निजी बयान बताया गया। अलका लांबा की ओर से भी सफाई पेश की गई। ऐसे में अब एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या अमित शाह की भविष्यवाणी सच साबित होगी?अभी हाल ही में संसद से दिल्ली वाला बिल पास हुआ। इस बिल को रोकने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी विपक्षी दलों से समर्थन मांगा था। केजरीवाल की ओर से कहा गया था कि कांग्रेस इस बिल पर अपना स्टैंड क्लियर करे तभी वह बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होंगे। दिल्ली कांग्रेस के नेता आम आदमी पार्टी का विरोध कर रहे थे लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने बिल का विरोध करने का फैसला किया। बेंगलुरु की बैठक में विपक्षी दलों का नया गठबंधन I.N.D.I.A बना। संसद के मॉनसून सत्र में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इस बिल के विरोध में खड़े रहे।बीजेपी की B पार्टी के साथ चुनाव लड़ना चाहिए? AAP को लेकर दिल्ली कांग्रेस में उठे सवालइस बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह संसद से इस बिल के पास होने के बाद गठबंधन को बाय-बाय कर देंगे। अमित शाह ने कहा था कि ये बिल पास होने के बाद विपक्ष का गठबंधन I.N.D.I.A टूट जाएगा और केजरीवाल आपको छोड़कर चले जाएंगे। अमित शाह ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि विपक्षी दलों को लोकतंत्र, देश की चिंता नहीं है। अपने गठबंधन के बचाने के लिए सभी लोग साथ आए हैं। विपक्ष के लिए जनता के बिल जरूरी नहीं है बल्कि गठबंधन से एक छोटी सी पार्टी न भाग जाए इसकी चिंता है।दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेताओं के बयान के बीच बीजेपी को हमला बोलने का एक मौका मिल गया। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आगे कांग्रेस को यूपी में सपा, बंगाल में टीएमसी, बिहार में जेडीयू आरजेडी के साथ भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है।कांग्रेस दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है। साफ है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के पैरों से दरी खींच ली है। घमंडिया गठबंधन की तरफ से आया यह पहला रुझान है।धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्रीवहीं दिल्ली कांग्रेस के नेता व पूर्व सांसद संदीप दीक्षित के सुर अब भी नहीं बदले हैं। एक दिन पहले ही उन्होंने कहा कि केजरीवाल की बात पर कैसे यकीन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विजिलेंस जांच को प्रभावित करने के लिए केजरीवाल इस बिल का विरोध कर रहे थे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी केजरीवाल का समर्थन करके कहीं 77 वाली गलती तो नहीं कर रही है।