नई दिल्ली: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को दिल्ली के पुराना किला में एक 2000 साल पुराने सोने के वर्क और लाल बलुआ पत्थर के एक टुकड़े पर उकेरा गया कमल का प्रतीक मिला है। पुराना किला में पांडवों की राजधानी की खोज के लिए हो रही खुदाई के बीच यह खास वस्तु मिली है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज इस बात का संकेत देती है कि यहां कुलीन वर्ग के नागरिक नागरिक रहते थे। ASI की टीम जो इस कार्य में लगी है उनको इसके अलावा ईंट बनाने की खास जगह, आधे और पूरे बने हुए बर्तन भी मिले हैं।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के निदेशक वसंत के. स्वर्णकार ने कहा कि एक कछुआ के आकार का ताबीज, हाथीदांत का ताबीज, एक महिला की टेराकोटा पट्टिका, पन्ना मोती, सीप की वस्तुएं, तांबे की छेनी, मंदिर के संरचनात्मक तत्वों के हिस्से और तांबे के सिक्के पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि खुदाई के दौरान के दौरान कुषाण काल के तीर और भाले भी मिले हैं।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के प्रवक्ता ने कहा कि इसके अलावा खुदाई में मुहरें और सिक्के, मूंगा, क्रिस्टल, विभिन्न प्रकार के मोती, पासा और लोहे और तांबे के उपकरण शामिल हैं। ,साथ ही गुप्त काल (5वीं और 6वीं शताब्दी) के तीर और तांबे और टेराकोटा के पहिए भी मिले हैं। इससे पहले साइट से भगवान विष्णु, गज लक्ष्मी, भगवान गणेश की मूर्तियां और पेंटेड ग्रे वेयर कल्चर से जुड़े कुछ मिट्टी के बर्तन मिल चुके हैं। अलग-अलग युगों को अलग-अलग मिट्टी के बर्तनों की शैलियों से दर्शाया जाता है। सदियों पहले जमीन के नीचे दबी कई जगहें और उससे जुड़े सबूत अब खुदाई में सामने आ रहे हैं।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पुराना किला में 1954-55 के बाद 1969 और 1973,2013-14 और 2017-18 में भी उत्खनन कार्य किया था। ऐसी प्रबल मान्यता है कि पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ ही वर्तमान दिल्ली का पुराना किला है। पश्चिमी दिल्ली के एक गांव से मिले एक अभिलेख में इंद्रप्रस्थ का उल्लेख है।