नई दिल्ली: आर्टिकल 370 को समाप्त किए जाने के अपने फैसले पर सरकार आज काफी खुश होगी। एक दर्जन से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कुछ ऐसी बात कही है, जिससे फैसले की जरूरत और महत्ता समझ में आती है। CJI की टिप्पणी से इतर कुछ विपक्षी दल और कश्मीर के नेता इस फैसले के लिए सरकार को घेरते रहे हैं। 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 35ए ने जम्मू-कश्मीर में रहने वाले लोगों को कुछ प्रमुख संवैधानिक अधिकारों से वंचित कर दिया था। उन्होंने कहा कि अवसर की समानता, राज्य सरकार में रोजगार और जमीन खरीदने का अधिकार- ये सब यह अनुच्छेद नागरिकों से छीनता है… क्योंकि (जम्मू-कश्मीर के) निवासियों के पास विशेष अधिकार थे और गैर-निवासियों को बाहर रखा गया था। चीफ जस्टिस ने केंद्र सरकार के उस रुख पर भी सहमति जताई कि भारतीय संविधान एक ऐसा दस्तावेज है जो जम्मू-कश्मीर के संविधान से भी ऊपर है। केंद्र सरकार ने तर्क रखा कि अनुच्छेद 370 रद्द नहीं होने तक जम्मू-कश्मीर के लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि जम्मू कश्मीर के लोगों को विशेष अधिकार दिए गए, जिसके कारण देश के बाकी लोग मूल अधिकारों से वंचित रह गए। SC ने स्पष्ट कहा कि धारा 35 ए ने लोगों के मूल अधिकार छीने। 370 पर सुनवाई LIVE: पढ़ें आज सुप्रीम कोर्ट में क्या चल रहा