अमितेश कुमार सिंह, गाजीपुर: गाजीपुर संसदीय सीट पर लगातार दो बार सांसद रहे कांग्रेस नेता जैनुल बशर का रिकॉर्ड पिछले तीन दशकों से कायम है। जैनुल बशर के पहले लगातार सांसद निर्वाचित होने का रिकॉर्ड भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कामरेड सरजू पाण्डेय ने कायम किया था। हालांकि, गाजीपुर संसदीय सीट से चुनाव जीतने की हैट्रिक कोई नहीं लगा पाया। बशर ने सरजू पांडेय को भी लोक सभा चुनावों में हराया था।जैनुल बशर ने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में लोकसभा के चुनाव के अलावा कोई भी चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने पहला चुनाव लोकसभा का गाजीपुर संसदीय सीट से 1977 में ही लड़ा था। लेकिन इस चुनाव में वह जनता पार्टी के उम्मीदवार रहे गौरीशंकर राय से चुनाव हार गये थे। 1980 के लोकसभा चुनाव में 1977 के चुनाव के ठीक विपरीत जैनुल बसर गौरीशंकर राय को हराकर संसद पहुंचने में कामयाब रहे। दोनों के वोटों में कुछ हजार का अंतर दर्ज किया गया था।Kahani Uttar Pradesh Ki: जब चौधरी चरण सिंह बोले- लौटा दो शराब कारोबारी का 9 लाख का चंदा, नहीं देंगे टिकट1984 के लोकसभा चुनाव में जैनुल बशर का मुकाबला अपने दौर के मशहूर कम्युनिस्ट नेता सरजू पाण्डेय से हुआ। यह वही चुनाव था, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने राजनीति में इंट्री ली थी। इस चुनाव में जैनुल बसर ने लाखों वोटों के अंतर से कामरेड सरजू पाण्डेय को हराया था। 1984 का चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी साल देश की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गयी थी। उनकी हत्या के दो महीने बाद ही लोक सभा चुनाव हुए। देशभर में कांग्रेस पार्टी को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उभरी सांत्वना की लहर का लाभ मिला। जैनुल बशर को भी इस लहर ने लगातार दूसरी बार संसद पहुंचाया। इस चुनाव में मशहूर कम्युनिस्ट नेता सरजू पांडेय दूसरे स्थान पर रहे थे।सियासत में हैट्रिक से चूके थे बशरजैनुल बशर गाजीपुर लोकसभा सीट पर सियासी पिच पर बैटिंग करते हुए हैट्रिक नहीं बना पाए। 1989 के लोकसभा चुनाव में वह मछली चुनाव निशान पर चुनाव लड़ने वाले जनता दल समर्थित निर्दल उम्मीदवार जगदीश कुशवाहा से चुनाव हार गये। जैनुल बशर को नजदीक से जानने वाले शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष शफीक अहमद ने बताया कि जैनुल बशर के दो बेटे हैं, लेकिन दोनों राजनीति से इतर बिजनेस कर जीवन-यापन कर रहे हैं। इस तरह से उनकी राजनीतिक विरासत संभालने वाला अब कोई नही रह गया है।