कमांड मिलते ही लैंडर विक्रम 25 किलोमीटर की ऊंचाई से चांद की सतह की तरफ बढ़ना शुरू करेगा। 750 Km दूर होगा तब विक्रम लैंडिंग साइट से, स्पीड 1.6 Km/सेकंड होगी, 690 सेकेंड के दौरान विक्रम के सभी इंजन स्टार्ट होकर उसकी रफ्तार कम करेंगे। 7.4 किमी की ऊंचाई पर होगा, 358 मीटर/सेकंड सतह के समांतर होगी स्पीड, नीचे आने की रफ्तार 61 मीटर/सेकंड रह जाएगी।