चीन की चालबाजी – china new standard map row includes arunachal pradesh

चालबाज चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता। सोमवार और चीन ने विवादित नक्शा जारी करके कई इलाकों पर अपना अधिकार बताया है, इसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साईचिन समेत ताइवान के इलाके शामिल हैं। चीन सरकार ने सोमवार को एक बार फिर नक्शा जारी कर ऐसे कई इलाकों पर अपना अधिकार जताया, जो उसके नहीं हैं। इन इलाकों में भारत का समूचा अरुणाचल प्रदेश और अक्साईचिन तो है ही, साउथ चाइना सी और ताइवान के वे इलाके भी हैं, जिन पर अन्य देश दावा करते हैं। हालांकि चीन ने कोई पहली बार इस तरह का दावा नहीं किया है। लेकिन इस बार यह ऐसे समय किया गया है, जब दस दिनों के अंदर भारत की अध्यक्षता में G-20 की शिखर बैठक होने वाली है, जिसमें शामिल होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से लेकर खुद चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी आ रहे हैं। जाहिर है, भारत की पहली प्राथमिकता अभी यही होगी कि G-20 बैठक के अजेंडे में शामिल विषयों से अलग अन्य कोई मसला एक हद से ज्यादा न उछले और माहौल इस कदर खराब न हो कि बैठक के नतीजों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका बन जाए। शायद यह भी एक वजह रही कि भारत ने हालांकि डिप्लोमैटिक चैनलों के जरिए इस पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है, लेकिन खुद विदेश मंत्री एस. जयशंकर इसे ज्यादा तवज्जो देते नहीं दिखे। सवाल किए जाने पर उन्होंने इसे निरर्थक बताते हुए इतना ही कहा कि चीन पहले भी ऐसे दावे करता रहा है और यह इसकी पुरानी आदत है। मगर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक कदम आगे बढ़ते हुए यह भी जोड़ा कि ऐसे कदम सीमा से जुड़े सवालों को हल करना और मुश्किल बना सकते हैं।गौर करने की बात है कि अभी-अभी साउथ अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में हुई ब्रिक्स शिखर बैठक के दौरान चीन के प्रयासों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह बताई जाती है कि LAC पर दोनों पक्षों के बीच जारी गतिरोध दूर करने की कोशिशें सफल नहीं हुईं और भारत ने पहले से ही स्पष्ट कर रखा है कि सीमा पर गतिरोध दूर करके 2020 से पहले की यथास्थिति बनाए बगैर दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते। यह भी महत्वपूर्ण है कि नई दिल्ली में G-20 शिखर बैठक के दौरान ही नहीं, उससे पहले इंडोनेशिया के जकार्ता में होने वाली आसियान देशों की शिखर बैठक में भी दोनों नेताओं की मुलाकात हो सकती है। हालांकि मौजूदा विवाद पर चीन की तरफ से कहा जा सकता है कि उसके रुख में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है और ताजा मैप के जरिए उसने अपने पुराने स्टैंड को ही बस एक बार और स्पष्ट किया है। लेकिन उसे समझना होगा कि चाहे इस तरह से मैप जारी करने की बात हो या भारत के अरुणाचल प्रदेश में आने वाले कुछ इलाकों के नाम बदलने का (जैसा कि उसने इसी साल अप्रैल में किया था), इससे माहौल बिगड़ता है और दोनों देशों के रिश्तों में विश्वास बहाली की प्रक्रिया बाधित होती है।एनबीटी डेस्क के बारे मेंNavbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐपलेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें