नई दिल्ली: दो पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन को जवाब देने के लिए भारतीय नौसेना ने आज अपने सबसे आधुनिक लड़ाकू जहाज आईएनएस विंध्यागिरी को लॉन्च किया है। हुगली नदी के किनारे प्रोजेक्ट 17ए के तहत लॉन्च होने वाले जहाजों में यह छठा है। नौसेना की ताकत में इजाफा करने वाले इस जहाज को भारत में ही बनाया गया है। कोलकाता में इस जंगी जहाज को लॉन्च करने के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक कदम करार दिया। कर्नाटक के पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखे गए इस युद्धपोत की विशेषताएं जान चीन और पाक भी चौंक जाएंगे।आईएनएस विंध्यागिरी के बारे में राष्ट्रपति मुर्मू ने क्या कहा?देश की सीमा को सुरक्षित रखने के लिए बनाए गए इस जहाज को लॉन्च करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू काफी प्रसन्न दिखाई दीं। उन्होंने इस आधुनिक जंगी जहाज की तारीफ करते हुए कहा कि मैं कोलकाता में इंडियन नेवी के आईएनएस विंध्यागिरी के लॉन्च के मौके पर आकर बहुत खुश हूं। यह आयोजन भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक कदम है।आईएनएस विंध्यागिरी की खासियत जान लीजिएकर्नाटक की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखे गए इस जहाज की विशेषताएं चीन और पाकिस्तान की नींद जरूर खराब कर सकती है। प्रोजेक्ट 17ए के तहत बनाए गए इस 6वें युद्धपोत में बेहतर गुप्त सुविधाओं, उन्नत हथियारों और सेंसर के साथ-साथ प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट से लैस है। आईएनएस विंध्यागिरी को टेक्नोलॉजी के लिहाज से भी बेहतर किया गया है। 31 साल तक पुराने विंध्यागिरी ने इंडियन नेवी को अपनी सेवाएं दीं। इसके रिटायरमेंट के बाद नए कलेवर में INS विंध्यागिरी को नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया है।आईएनएस विंध्यागिरी समुद्र की लहरों पर 52 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ सकता है। जंगी जहाज विंध्यागिरी की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह अपने साथ 6 हजार टन असलहा के साथ दूसरे सामान भी लेकर जा सकता है। देश की सबसे खतरनाक मिसाइल ब्रह्मोस को भी इस जहाज से लॉन्च किया जा सकता है। इसके अलावा आईएनएस विंध्यागिरी में आधुनिक रडार सिस्टम और एंटी सब मरीन वेपन सिस्टम है। यह जहाज दिखने में भी विशाल है। लंबाई में 150 मीटर और ऊंचाई में 37 मीटर है। भारत पर आंख गड़ाए दुश्मनों के अंजाम को नेस्तनाबूद करने में यह जहाज माहिर है।प्रोजेक्ट-17ए का भाग है विंध्यागिरीविंध्यागिरी को देश में प्रोजेक्ट-17ए के तहत तैयार किया जा रहा है। 7 जहाजों में से यह छठा जहाज है। बाकी जहाजों के नाम नीलगिरी, उदयगिरी, दूनागिरी, तारागिरी, हिमगिरी और महेंद्रगिरी हैं। चीन की विस्तारवादी आकांक्षाएं हिंद महासागर तक पहुंची हैं। हालांकि सीमाओं पर राजनयिक समस्याएं अभी भी मौजूद हैं। चीन की नौसेना अपने 355 युद्धपोतों और पनडुब्बियों के साथ अरब सागर में भारत की स्थिति का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत समुद्री बल विकसित करने में पाकिस्तान की सक्रिय रूप से सहायता कर रही है। जवाब में, भारत खुद को मजबूत करने के लिए विमान वाहक, कई युद्धपोतों, पनडुब्बियों और 35 से अधिक विमानों को तैनात करके शक्ति प्रक्षेपण के लिए अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रहा है।