नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हाल के दिनों में राजधानी दिल्ली की अदालतों में फायरिंग और कुछ अन्य घटनाओं को देखते हुए सभी हाईकोर्ट में सुरक्षा के कड़े इतंजाम करने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने धनबाद जज की हत्या का जिक्र करते हुए कि जजों की जिंदगी सुरक्षित नहीं है। सर्वोच्च अदालत ने राज्य सरकारों से हाईकोर्ट में कई सुरक्षा इंतजाम करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की घटनाएं डरावनी हैं और हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा है।जस्टिस एस आर भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि ये डरावना है कि हाल के दिनों में राजधानी दिल्ली की अदालतों में गोलबारी हुई है। हमने कम से कम तीन ऐसी घटनाओं को देखा है। कोर्ट में जहां न्याय और कानून का शासन होता है, वहां सुरक्षा से समझौता नहीं हो सकता है। ऐसे में न्यायिक संस्थानों में सभी पक्षों को सुरक्षा के तगड़े इतंजाम करने होंगे।कोर्ट ने 28 जून 2021 को धनबाद में एक सेशन जज की मॉर्निंग वॉक के दौरान हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि जजों की जिंदगी अब सुरक्षित नहीं रह गई है। कोर्ट ने कहा कि अगर जजों को ही सुरक्षा नहीं मिल पाएगी तो यहां न्याय की आस लेकर आने वालों लोगों को भी नाउम्मीदी मिलेगी। ये ऐसे सवाल हैं जो हमें परेशान करते हैं।बेंच ने कहा कि अदालत परिसर में केवल सीसीटीवी लगा देने से कुछ नहीं होने वाला है। आम लोगों के हितों का ख्याल रखते हुए हर तरह की सुरक्षा की तैयारी करनी होगी। शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट को सलाह दी कि कोर्ट परिसर में स्थायी सिक्यॉरिटी यूनिट्स बनाने की पर भी विचार करने को कहा है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर कड़ी निगरानी का आदेश दिया है। इन जगहों पर पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम करने को भी कहा है। इसके अलावा कोर्ट परिसर में दुकानों ओर वेंडर्स पर सख्त निगरानी रखने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा कोर्ट परिसर में ऐम्बुलेंस और मेडिकल सुविधा देने को कहा है।