नई दिल्ली: लोकसभा ने शुक्रवार को हंगामे के बीच ‘राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023’ को मंजूरी दे दी। इसमें दंत चिकित्सा व्यवसाय को विनियमित करने का प्रावधान है। साथ ही गुणवत्तापूर्ण और किफायती दंत चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने की भी व्यवस्था की गई है। निचले सदन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार देश में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग लेकर आई है। आज इसके माध्यम से पारदर्शिता के साथ अच्छी और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा दी जा रही है।मांडविया ने बताया कि उसी समय यह भी चर्चा की गई कि दंत चिकित्सा और नर्सिंग की शिक्षा को लेकर भी व्यवस्था में सुधार हो। संसद की स्थायी समिति से इस संबंध में सुझाव भी दिए गए। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि दंत चिकित्सा शिक्षा से संबंधित कानून पुराने हो गए थे। उन्होंने कहा कि समय समय पर शिक्षा के आयाम में बदलाव हुए। अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जरूरत भी महसूस की गई।क्या है बिल का मकसद?उन्होंने कहा कि देश में दंत चिकित्सा कॉलेजों की संख्या भी बढ़ी है। समय के साथ बदलाव भी हुए हैं। मांडविया ने कहा कि ऐसे में दंत चिकित्सा शिक्षा की रूपरेखा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से यह विधेयक लाया गया है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने शोर शराबे के बीच राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023’ को मंजूरी दे दी। इस समय निचले सदन में विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर के मुद्दे पर शोर शराबा कर रहे थे।NEET यूजी छत्तीसगढ़ का काउंसलिंग शेड्यूल जारी, UP के लिए आज से करें रजिस्ट्रेशनविधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के अनुसार, इसमें दंत चिकित्सा शिक्षा, दंत चिकित्सा पेशेवर और दंत चिकित्सा संस्थानों से संबंधित सभी पहलुओं के विकास और विनियमन के लिए एक ‘राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग तथा आयोग को सलाह देने एवं सिफारिशें करने के उद्देश्य से एक दंत चिकित्सा सलाहकार परिषद गठित करने का प्रस्ताव किया गया है।क्या की गई है व्यवस्था?इसमें तीन स्वशासी बोर्ड गठित करने की बात कही गई है । इसके तहत स्नातक पूर्व स्तर और स्नातकोत्तर स्तर पर दंत चिकित्सा शिक्षा के नियमन एवं मानदंड तय करने के लिए स्नातक पूर्व एवं स्नातकोत्तर दंत चिकित्सा शिक्षा बोर्ड गठित करने का प्रस्ताव किया गया है। इसमें दंत चिकित्सा संस्थानों का निर्धारण और रेटिंग करने, नये दंत चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना करने, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने, स्थानों की संख्या बढ़ाने या घटाने की अनुमति देने, दंत चिकित्सा निर्धारण एवं रेटिंग बोर्ड की बात कही गई है।क्या अफीम से बर्बाद हुए यूपी-बिहार, पढ़िए लेखक अमिताव घोष का खास इंटरव्यूविधेयक में पेशेवरों के आचारण को विनियमित करने, दंत चिकित्सकों एवं पेशेवरों में दंत चिकित्सा शिष्टाचार का संवर्द्धन करने, सभी लाइसेंस प्राप्त दंत चिकित्सकों और दंत चिकित्सा सहायकों की डिजिटल राष्ट्रीय पंजी रखने तथा शिष्टाचार और दंत चिकित्सक पंजीकरण बोर्ड गठित करने की बात कही गई है।इसमें एक ऑनलाइन और लाइव राष्ट्रीय रजिस्टर तैयार करने का प्रस्ताव किया गया है जिसमें सभी लाइसेंस प्राप्त दंत चिकित्सकों का नाम, पता आदि हों। इसके साथ ही दंत चिकित्सा सहायकों के लिए एक पृथक राष्ट्रीय रजिस्टर बनाने की बात भी कही गई है। विधेयक में फीस, प्रभार जमा करने के लिए राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग निधि गठित करने का प्रस्ताव भी किया गया है।