नई दिल्ली: सतीश धवन स्पेस सेंटर से 14 जुलाई को लॉन्च किए गया बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-3 चांद की तरफ धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहा है। अभी यह धरती के चक्कर काट रहा है। 25 जुलाई यानी कल दोपहर 2-3 बजे के समय धरती की पांचवी कक्षा में प्रवेश कर जाएगा। इसके बाद यह 31 जुलाई-1 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा को छोड़कर चांद के चक्कर लगाएगा जिसके बाद यह 23-24 अगस्त तक चांद की सतह को छू लेगा। चंद्रयान-2 क्रैश लैंडिंग के बाद इस मिशन से इसरो के वैज्ञानिकों सहित पूरे देश को उम्मीद है।यहां समझिए पूरा गणित25 जुलाई को चंद्रयान-3 धरती की चौथी कक्षा से निकलकर पांचवी कक्षा में प्रवेश करेगा। इस कारण वैज्ञानिक इसकी एपोजी 71351 किलोमीटर से बढ़ाकर 1 लाख किलोमीटर के आसपास की जाएगी। इसका मकसद यह है कि चंद्रयान-3 चांद की ओर जानेवाले हाइवे यानी लूनार ट्रैजेक्टरी पर जा सके। लेकिन, इससे पहले उसकी स्पीड को लेकर भी चर्चा है कि कितनी रखी जाए। धरती की कक्षा से बाहर जाने के लिए चंद्रयान को प्रति घंटा 40 हजार किलोमीटर की स्पीड चाहिए। असल में होता यह है कि चंद्रयान-3 के लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल का इंजन ऑन होता है। इससे उसे गति मिलती है। इसकी मदद से वह अगली कक्षा में पहुंच जाता है। लेकिन, एपोजी पर सबसे दूर पहुंचने की दिशा में उसकी स्पीड जीरो हो जाती है। पृथ्वी उसे फिर खींच लेती है।कब चांद का चक्कर लगाना शुरू करेगा चंद्रयान -3?चंद्रयान-3 31 अगस्त या 1 सितंबर तक चांद धरती की कक्षा छोड़ चांद के चक्कर लगाना शुरू कर देगा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि धरती के चक्कर लगाने के बाद चंद्रयान-3 पांचवी कक्षा में प्रवेश करेगा। इसके बाद यह चंद्रमा के चक्कर लगाने के बाद 24 अगस्त को चांद की सतह पर लैंड करेगा। यह मून के साउथ पोल क्षेत्र में लैंड करेगा।