‘धुलाई मशीन’ ने काम शुरू कर दिया है… शरद पवार को समर्थन जता बीजेपी पर भड़की कांग्रेस

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने रविवार को बगावत कर दी। आठ अन्य नेताओं के साथ वह एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के नेता राहुल गांधी ने शरद पवार से रविवार को बात की। उन्हें समर्थन का भरोसा जताया। कांग्रेस ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘धुलाई मशीन’ ने अपना अभियान शुरू कर दिया है। इनमें से कई नेता भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। अब उन्हें ‘क्लीनचिट’ मिल गई है। आश्चर्यजनक कदम के तहत अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जबकि उनकी राकांपा के आठ विधायकों ने दिन में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने ट्विटर पर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से बात की और उन्हें अपना समर्थन जताया।वेणुगोपाल ने आरोप लगाया, ‘भाजपा का ‘गंदी चाल चलने वाला विभाग’ जोर-शोर से काम कर रहा है। यह वैध रूप से चुनी गई सरकार नहीं है, बल्कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)-शक्ति प्राप्त सत्ता हथियाने वाली सरकार है। महाराष्ट्र सरकार भ्रष्टाचार और पाप की उपज है।’उन्होंने कहा, ‘जनता महाराष्ट्र के गद्दार, भ्रष्ट और समझौतावादी नेताओं को अच्छी तरह से पहचानती है और अगले चुनाव में उनमें से प्रत्येक को सबक सिखाया जाएगा।’प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 जून को भ्रष्टाचार के बारे में बात की थी और ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने ‘धुलाई मशीन’ को चालू कर दिया है और अब शपथ ग्रहण समारोह के बाद इन नेताओं के सारे दाग धुल गए हैं।’इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘स्पष्ट है भाजपा की ‘धुलाई मशीन’ ने काम करना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र में आज भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में नए लोग शामिल हुए जिन पर ईडी, सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) और आयकर अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। अब उन्हें क्लीनचिट मिल गई ।’रमेश ने कहा कि कांग्रेस महाराष्ट्र को भाजपा के चंगुल से मुक्त कराने का अपना प्रयास तेज करेगी। कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और राकांपा के नेतृत्व वाले महा विकास आघाड़ी गठबंधन का हिस्सा थी।