नई दिल्लीः राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के 3 वर्ष पूरे होने के मौके पर शिक्षा मंत्रालय देश भर में सेलिब्रेशन की तैयारी कर रहा है। 29 जुलाई, 2020 को देश की नई शिक्षा नीति लागू हुई थी। अब नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) भी तैयार कर लिया गया है। फाउंडेशनल स्टेज ( 3-8 साल के बीच के बच्चों) के लिए एनसीएफ जारी हो चुका है और बाकी क्लासेज के लिए नया फ्रेमवर्क इसी महीने के आखिर तक घोषित किया जा सकता है। उसके बाद NCERT की नई पाठ्यपुस्तकें तैयार की जाएंगी और 2024 सत्र से छात्रों को नई पाठ्यपुस्तकें मिल सकेंगी। तीसरी से 12वीं क्लास में करीब 130 विषयों की नई किताबें आएंगी। शिक्षा मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि शिक्षा नीति के तीन वर्ष पूरा होने के मौके पर देश भर में शिक्षा सुधारों पर प्रदर्शनियों का आयोजन होगा। दिल्ली में पूरे देश के शिक्षाविदों का सम्मेलन आयोजित करने की भी योजना है।बड़े सुधार लागू करने की हो रही है तैयारीराष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए राष्ट्रीय संचालन समिति ने स्कूली शिक्षा में नई सोच और बहुविषयक प्रणाली को लाने की सिफारिश करते हुए बोर्ड परीक्षाओं के स्वरूप में बदलाव की बात कही है। एनसीएफ ड्रॉफ्ट में यह भी सुझाव आया था कि 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं दो टर्म में करवाई जा सकती है। तीसरी कक्षा से ही लिखित परीक्षा की शुरुआत होनी चाहिए। नये फ्रेमवर्क के आधार पर अब NCERT पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों को तैयार करेगा। CBSE ने अपने सभी स्कूलों में 12वीं तक भारतीय भाषाओं में शिक्षा का विकल्प उपलब्ध कराने का फैसला भी किया है। NCERT की नई पाठ्यपुस्तकें 22 भाषाओं में तैयार की जाएंगी। अब स्कूल-कॉलेजों में वोकेशनल शिक्षा पर आधारित कोर्सेज शुरू करने के दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई भी अब शुरू होगी। कैबिनेट ने देश में रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए संसद में नैशनल रिसर्च फाउंडेशन बिल, 2023 पेश करने को मंजूरी भी दे दी है।2024 में ज्यादा शहरों में होगी CUET-UG परीक्षा, 15 जून तक रिजल्ट जारी करने का लक्ष्यशिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरणशिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में अब विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस भारत में खुलेंगे और इसके लिए नियम करीब-करीब तैयार कर लिए गए हैं। अगस्त में इस बारे में गजट नोटिफिकेशन हो सकता है। IIT मद्रास के जंजीबार-तंजानिया कैंपस में अक्टूबर 2023 से क्लासेज शुरू हो जाएंगी। देश के बाहर स्थापित होने वाला यह पहला IIT कैंपस होगा, जहां पर IIT मद्रास की फैकल्टी को पढ़ाने के लिए भेजा जाएगा। अबू धाबी में IIT दिल्ली का पहला परिसर जनवरी 2024 से शुरू हो सकता है। कई और IIT के कैंपस भी दूसरे देशों में शुरू हो सकते हैं।दुनिया में छात्रों के लिए लंदन सबसे अच्छा, टॉप-100 में भारत का कोई शहर नहीं !चुनौतियां भी कम नहीं?इस बात में कोई संदेह नहीं कि नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद देश में शिक्षा सुधारों को गति मिली है और छात्रों के पास पहले से ज्यादा बेहतर विकल्प मौजूद हैं। वहीं, अभी भी सरकार के सामने ड्रॉपआउट को कम करने की चुनौती है। 12वीं कक्षा के स्तर पर ड्रॉपआउट करीब 25 प्रतिशत है। उच्च शिक्षा के स्तर पर सकल नामांकन दर 27 प्रतिशत है। उच्च शिक्षा में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाने में शिक्षा नीति के प्रावधान कारगर हो सकते हैं क्योंकि बीच में पढ़ाई छोड़ने वालों को वापस आने पर पहले की गई पढ़ाई के क्रेडिट मिल जाएंगे। NCERT की किताबों को लेकर जो विवाद सामने आया है, उसे देखते हुए नई किताबों को तैयार करने की प्रक्रिया पर सतर्कता जरूरी होगी।