पुरुषों से बेहतर होती हैं महिला सर्जन… क्या भारत में भी ऐसा, यह स्टडी सबको पढ़नी चाहिए – women surgeons have better outcomes global studies what in india

भारत में क्या है स्थितियह रिपोर्ट अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा JAMA Network में प्रकाशित हुई है। ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. वत्सला त्रिवेदी का कहना है कि ऐसी रिपोर्ट को देखकर खुशी होती है। स्वीडन वाली स्टडी में यह बात सामने आई है कि पिछले 13 साल में गॉल ब्लैडर सर्जरी में महिला डॉक्टरों ने अधिक समय लिया।वहीं पुरुष सर्जन के साथ अधिक दिक्कत पेश आई। खराब डेटा संग्रह के कारण भारत में इस तरह के तुलनात्मक अध्ययन संभव नहीं हैं, वहीं विदेशों में इस तरह की स्टडी की जाती है।अब समय बदल रहा हैमहाराष्ट्र चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के निदेशक डॉ. अजय चंदनवाले का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्राएं सर्जरी का अधिक विकल्प चुन रही हैं। एक पुरुष सर्जन ने कहा आई सर्जरी और कॉस्मेटिक सर्जरी जिनमें इमरजेंसी जैसी स्थिति कम होती है इसे न्यूरोसर्जरी के मुकाबले अधिक प्राथमिकता दी गई। डॉ.चंदनवाले ने कहा कि छात्राएं अब ऑर्थोपेडिक्स और फोरेंसिक जैसे क्षेत्रों को भी चुन रही हैं। आर्थोपेडिक्स फ्रैक्चर को ठीक करने के लिए अधिक ताकत की जरूरत होती थी लेकिन नए उपकरण आने के बाद यह बदल गया है।समय बदलने में काफी वक्त लगेगानायर हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. सतीश धरप का दृष्टिकोण अलग है। उन्होंने कहा बीएमसी के चार मेडिकल कॉलेजों में से दो में सामान्य सर्जरी विभाग की प्रमुख एक महिला हैं। बीएमसी संचालित कूपर अस्पताल में सामान्य सर्जरी की प्रमुख डॉ. स्मृति घेतला ने कहा कि यदि अब महिला सर्जनों में वृद्धि हुई है, तो यह संभवतः अधिक मेडिकल कॉलेजों के कारण है। हालांकि, सर्जरी विभाग में इस अनुपात को सही करने में अभी काफी समय लगेगा। एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया (भोपाल ) के अध्यक्ष ने कहा एएसआई के 33,000 से अधिक सदस्यों में से 10% से भी कम महिलाएं हैं।महिला सर्जन क्यों बेहतरशादी के बाद सर्जरी छोड़ देगी, डॉ त्रिवेदी ने केईएम अस्पताल में एक सीट बर्बाद करने के तंज को याद किया कि वह शादी के बाद सर्जरी छोड़ देगी। उनकी पूर्व सहकर्मी, डॉ. माधुरी गोरे के पास इस बात का उत्तर है कि महिलाएं अच्छी सर्जन क्यों बनती हैं। क्योंकि उनके पास बेहतर प्रबंधन कौशल, एक टीम बनाने और उसे एकजुट रखने की क्षमता, चुनौतियों का सामना करने की प्राकृतिक क्षमता। ईमानदारी और सहानुभूति भी साथ है।