फ्रांस को भाया भारत का डिफेंस कोरिडोर और मेक इन इंडिया, रक्षा उत्पादों में भागीदारी की जताई इच्छा – france want to be partner in building national base for defense industries in india

पणजी: फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनेन ने कहा है कि उनका देश भारत में रक्षा उद्योगों के लिए एक राष्ट्रीय औद्योगिक आधार बनाने की प्रक्रिया में भागीदार बनना चाहता है। गोवा अपतटीय क्षेत्र में भारत-फ्रांस नौसैन्य अभ्यास ‘वरुण’ में हिस्सा लेने वाले फ्रांसीसी विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल पर शनिवार को संवाददाताओं से मुखातिब लेनेन ने कहा कि दोनों देश रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए बहुत से उपकरणों का मिलकर उत्पादन कर सकते हैं।राजदूत ने कहा कि फ्रांस वास्तव में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को समझ गया है और वह बिना किसी प्रतिबंध के भारतीय बलों को सर्वश्रेष्ठ तकनीक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।’फ्रांस के लिए बढ़िया विकल्प’लेनेन ने कहा, ‘हम इसे (आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को) इसलिए भी समझते हैं, क्योंकि हम अत्यधिक स्वतंत्र देश हैं और हम उस प्रक्रिया से भी गुजरे हैं। हम भारत में रक्षा उद्योगों के लिए एक राष्ट्रीय औद्योगिक आधार बनाने की प्रक्रिया में भागीदार बनना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत जब और आपूर्तिकर्ताओं को मौका देने के बारे में सोच रहा है, तो फ्रांस उसके लिए एक बढ़िया विकल्प साबित हो सकता है।’मेक इन इंडिया के समर्थन में फ्रांस’फ्रांसीसी राजदूत ने कहा कि उनका देश बिना किसी प्रतिबंध के भारतीय बलों को सर्वोत्तम तकनीक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘फ्रांस न केवल ‘मेक इन इंडिया’ के लिए समर्थन करेगा, बल्कि उपकरणों के सह-निर्माण और सह-उत्पादन के लिए भी आगे आएगा।”उपकरणों का मिलकर करेंगे उत्पादन’दोनों देशों के बीच संबंधों के बारे में पूछे जाने पर लेनेन ने कहा, ‘भारत और फ्रांस के बीच असाधारण रूप से अच्छे और विश्वसनीय द्विपक्षीय संबंध हैं। हम समान मूल्यों में यकीन करते हैं। हमारी रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत बनाने का सबसे अच्छा तरीका एक-दूसरे का सहयोग करना है। दोनों देश रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए बहुत सारे उपकरणों का सह-उत्पादन कर सकते हैं।’