बचपन का यार… मार्केट से गायब हो रहे Reynolds 045 पेन को लेकर इमोशनल हुए यूजर्स, दिए ऐसे रिएक्शन

बचपन में स्कूल के एग्जाम से दुकान पर रखी गल्ले की किताब तक में लिखने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला पेन रेनॉल्ड्स 045 अब मार्केट से गायब सा हो गया है। जैसे जैसे हम जीवन में आगे बढ़ रहे हैं वैसे- वैसे हमारा बचपन का ये साथी पीछे छूटते जा रहा है। आज दुकानों पर ये नीली टोपी वाले ये पेन दिखने बंद के बराबर हो गए हैं।ऐसे में बचपन के इस साथी को याद करते हुए सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स काफी इमोशनल हो गए हैं। @memorable_90s नाम के एक ट्विटर अकाउंट ने इस पेन की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा हमारा बचपन का साथी कहीं गुम हो गया है।इस ट्वीट के वायरल होने पर यूजर्स अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए Reynolds 045 Fine Carbure पर ट्वीट कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि मार्केट में नहीं मिला लेकिन Amazon से खरीद लिया। वही एक दूसरे यूजर ने लिखा ये किसी खजाने से कम नहीं है।देखें यूजर्स के रिएक्शन…जार भरकर मंगा ली अपने बचपन की यादेंकुछ लोग बचपन में इस पेन की कैप को दांतों से चबाते थे। @Mogemmbo नाम एक ट्विटर अकाउंट ने लिखा कि अब मैं क्या चबाऊंगा।आधी लाइफ तो इसी पेन को यूज करते हुए निकली है हमारीअब भी इसका कोई मुकाबला नहीं…एग्जाम का सच्चा साथीरेनॉल्ड्स 045 एक बॉलपॉइंट पेन है जिसे 1945 में पहली बार बनाया गया था। इसका नाम साल के नाम पर रखा गया है। इसका बॉलपॉइंट बहुत छोटा है, और स्याही को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह बहुत गाढ़ा या बहुत पतला न हो, जिससे पेपर पर लिखा हुआ खिलकर दिखाई दे। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल हम बचपन में एग्जाम में लिखने के लिए करते थे।आज भी याद है नीली, काली और लाल टोपीभले ही आज ये पेन मार्केट से गायब हो रहा हो लेकिन अभी भी इसकी लोकप्रियता भारतीयों में काफी है। कंपनी ने इस सर पर ताज वाले पेन को कई रंगों में निकाला था। इसके साथ ही हर रंग के पेन के साथ उसी कलर की टोपी भी लगी होती थी।Chandrayaan-3 Reactions: ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और ओपी राजभर को चंद्रयान के बारे में पता नहीं