नई दिल्ली
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जाली भारतीय मुद्रा के रैकेट में शामिल एक व्यक्ति को शुक्रवार को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया जो काफी समय से फरार चल रहा था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के पार सुजापुर गांव निवासी एस के जहीरुद्दीन उर्फ जहीर को गिरफ्तार किया गया है जो पिछले तीन साल से फरार था।

तीन साल पहले बेंगलुरु में दर्ज हुआ था केस
एजेंसी ने कहा कि उसे मालदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया ताकि उसे बेंगलुरु में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत में पेश करने के लिए ट्रांजिट वारंट का अनुरोध किया जा सके। जहीउरुद्दीन उस मामले में वांछित था, जो मूल रूप से 7 अगस्त, 2018 को बेंगलुरु के मदनायकनहल्ली पुलिस थाने में दर्ज किया गया था।

छह लोगों को खिलाफ हो चुकी है चार्जशीट दायर
यह मामला जाली भारतीय नोट की जब्ती से संबंधित था। तब चार व्यक्तियों से 6,84,000 रुपये मूल्य के जाली नोट जब्त किये गए थे जो दो-दो हजार रुपये के थे। प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने पुलिस से जांच अपने हाथ में लेने के बाद 6 सितंबर, 2018 को मामला फिर से दर्ज किया था। प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने पहले छह आरोपियों के खिलाफ तीन आरोपपत्र दायर किए थे।

बांग्लादेश से खरीद कर लाते थे जाली करंसी
प्रवक्ता ने कहा कि जांच से पता चला है कि जहीरुद्दीन गिरफ्तार अब्दुल कादिर और साबिरुद्दीन का करीबी सहयोगी है, जिन्होंने बांग्लादेश में अपने सहयोगियों से जाली भारतीय मुद्रा की खरीद की थी और इसे देश के विभिन्न हिस्सों में चलाने के लिए इसकी आपूर्ति भारत में अपने अन्य सहयोगियों को की थी। एनआईए ने कहा, ‘‘मामले में आगे की जांच जारी है।’’ यह छह दिनों के भीतर पश्चिम बंगाल से जाली नोट रैकेट में शामिल व्यक्तियों की दूसरी गिरफ्तारी है।