भारतीय सेना को अभी नहीं मिलेंगे उड़ने वाले सूट, जेट पैक सूट लेने का प्रस्ताव क्या चला गया ठंडे बस्ते में

नई दिल्ली: भारतीय सेना ने जेट पैक सूट (उड़ने वाले सूट) की जरूरत बताई थी लेकिन फिलहाल सेना को सैनिकों को उड़ाने वाले यह सूट नहीं मिल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सेना के इंफ्रेंट्री डारेक्टरेट ने इसे इमरजेंसी खरीद के तहत लेने की सिफारिश की थी लेकिन इसे अप्रूवल नहीं मिल पाया है। सेना ने इसी साल जेट पैक सूट के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल भी जारी किया था जिसके बाद इसका ट्रायल भी लिया गया।इसी साल जनवरी में सेना ने कहा था कि उन्हें ऐसे सूट की जरूरत है जिसे पीठ में बांधकर उड़ा जा सके। आर्मी ने 48 जेट पैक सूट की जरूरत बताई थी साथ ही कहा कि ये खरीद इंडियन वेंडर से की जाएगी। जेट पैक सूट एक तरह का इंडिविजुअल मोबिलिटी प्लेटफॉर्म है जो किसी को अलग अलग टेरेन में उड़ा सकता है। दरअसल कई ऐसी स्थितियां हैं जहां आर्मी को इस तरह की उड़ने वाली सूट की जरूरत है। कहीं पर कोई खतरे की पहचान हुई है और तुरंत वहां पहुंचकर इंटरसेप्ट करना है तो यह सूट उपयोगी हो सकता है।कहीं लैंड स्लाइड हो गया है और वहां वीइकल नहीं जा सकता या फिर ब्रिज टूट गया हो और दूसरी तरफ जाना हो तो सैनिक को भेजने के लिए जेट पैक सूट का इस्तेमाल किया जा सकता है। कई बार ऐसी स्थिति में तुरंत हालात का जायजा लेना जरूरी होता है और खराब मौसम की वजह से हेलिकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर सकता, साथ ही यह महंगा ऑप्शन भी है। ऐसे में सैनिक जेट पैक सूट के सहारे उड़कर जायजा ले सकते हैं।फरवरी में हुए एयरो इंडिया में एक भारतीय कंपनी ने जेट पैक सूट को प्रदर्शित किया था। यह सूट टर्बो इंजन से चलता है। यह 80 किलो के वजन के व्यक्ति को उठा सकता है और जेट सूट का खुद का वजन करीब 40-50 किलो तक हो सकता है। यह जब तक जमीन में है तब तक इसका वजन महसूस होता है और जब इंजन स्टार्ट होता है तो यह हल्का लगने लगता है। यह एक हल्की फ्लाइंग मशीन है। अभी फ्रांस, ब्रिटेन सहित दूसरे यूरोपियन देशों में इसका क्रेज है।